Mathura News : हीट वेव का बढ़ रहा खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी बरतने के लिए जारी की गाइड लाइन

UPT | डॉक्टर ने सावधानी बरतने की सलाह दी।

May 18, 2024 20:54

जनपद में लगातार बढ़ रहे तापमान को लेकर डीएम ने स्वास्थ विभाग की प्रगति जानी और हीट वेव जैसे हालात में बचाव के लिए व्यवस्था दुरस्त रखने के निर्देश दिए…

Mathura News (बिनोद शर्मा) : जनपद में जिलाधिकारी के निर्देशानुसार  हीट वेव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में हीट वेव से जंग के लिए तैयारीयाँ शुरू कर दी हैं। जिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर हीट वेव से लड़ने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने दी।

मई-जून माह में बढ़ जाता है लू का प्रकोप
सी एम ओ डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाएं और ओआरएस पेकेट रखें गए है। जिससे लू से पीड़ित मरीजों का इलाज तुरंत शुरू किया जा सके। मई-जून माह में गर्म हवा यानि लू का प्रकोप बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सावधानी बरतने को कहा है।

हीट वेव के लक्षण
नोडल अधिकारी डॉ. रोहितास सिंह ने बताया कि लाल गर्म शुष्क त्वचा, पसीना न आना, पल्स रेट तेज़ होना, तेज़ तेज़ सांस चलना, सिर दर्द, थकान, कमज़ोरी आदि हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण होने पर तुरंत ही नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से परामर्श लें। हीट वेव से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। हीट वेव से बचाव बहुत ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि तेज धूप के साथ गर्म हवाएं और बढ़ते तापमान में लोग लू लगने से हीट-स्ट्रोक से ग्रस्त हो जाते हैं। हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव कम करने के लिए निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए।

क्या साबधानी बरतें
हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रेम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, उबकाई पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचाने। यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते हैं तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें। अधिक से अधिक पानी पिएं, यदि प्यास न लगी हो तब भी। यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं। ओआरएस घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माढ़), नीबू पानी आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की न हो। जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें, तरबूज खरबूज संतरे अंगूर अनन्नास खीरा ककड़ी सलाद पत्ता का सेवन करें।

हल्के रंग के पसीना सोखने वाले हल्के वस्त्र पहने। धूप के चश्मे छाता, टोपी या चप्पल का प्रयोग करें। अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर चेहरा हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें। उचित वायु संचरण वाले शीतल स्थानों पर रहें। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयअवधि तथा आवृत्ति को बढ़ाएं। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखे तथा उन्हें पर्याप्त पानी पीने को दें। घरों को ठंडा रखें। दिन के समय पर खिड़कियाँ दरवाजे  बंद रखें, रात को खिड़कियां खोल कर रखें। दिन के समय अपने घर के निचले तल पर ठंडा करने का प्रयास करें। शरीर के तापमान को कम करने के लिए पंखे गीले कपड़े इत्यादि का प्रयोग करें।

ये सावधानी भी बरतें
अधिक गर्मी वाले समय में विशेषकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के मध्य सूर्य की सीधी रोशनी में जाने से बचें। नंगे पैर बाहर ना निकले प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग पर यथासंभव बसें तथा बासी भोजन का प्रयोग ना करें। गहरे रंग के तथा तंग कपड़े ना पहने।बाहर का तापमान ज्यादा गरम हो तो बाहर ना निकले। अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें रसोई की खिड़कियां दरवाजे खोल दें। शराब चाय कॉफी कार्बोनेटेड, सॉफ्ट ड्रिंक बचें, यह शरीर निर्जलीकरण पैदा करते है।

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