अलविदा-2024 : ताज नगरी को 2024 में भी नसीब नहीं हुआ हवाई अड्डा और बैराज, पर्यटन उद्योग से जुडे़ लोग रहे मायूस

UPT | आगरा का घरेलू हवाई अड्डा।

Dec 31, 2024 21:13

भारत को दुनिया में उसकी सांस्कृतिक धरोहर और अद्वितीय स्मारकों के लिए जाना जाता है। यमुना किनारे बने सफेद संगमरमर से सजे ताजमहल को देखने का अनुभव अद्वितीय है। यह स्मारक भारत की पहचान बन चुका है और प्रेम का प्रतीक है।

Agra News : दुनिया में भारत के लिए कहा जाता है कि अगर यमुना किनारे बनी सफ़ेद संगमरमर से लिपटी हुई इमारत को अगर नहीं देखा तो फिर दुनियां में कुछ नहीं देखा। भारत का जिक्र आते ही ताजमहल आंखों के सामने आ जाता है। दुनिया का छोटे से छोटा राष्ट्र हो या फिर यूनाइटेड स्टेट के राष्ट्रपति हर कोई इस विश्व धरोहर और संगमरमरी हुस्न से लपेटे हुए ताजमहल का दीदार करना चाहता है। राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र को भी ताजमहल के माध्यम से हर साल करोड़ों रुपये की आय होती है, लेकिन क्या ताज महल के शहर आगरा को जो मिलना चाहिए था, जो वह इसका हकदार था, उसको मिला... यह सवाल 2024 में साल भर चर्चा में रहा। 


मुगलों की राजधानी रहा आगरा व्यापारिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण जनपद रहा यहां बताना आवश्यक हो जाता है कि मुगलों की राजधानी रहा आगरा मुगलों के लिए ही नहीं बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण जनपद रहा है। देश के कोने-कोने से कनेक्टिविटी होने के चलते व्यापारियों की पहली पसंद रहा है आगरा। मुगलों के बाद आगरा को अंग्रेजों ने भी मुख्य केंद्र में रखा और यहां पर तमाम विकास कराए। अंग्रेजों की एक बड़ी छावनी रहा था आगरा। हम अगर आज की बात करें तो केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। दोनों ही सरकार है आगरा पर विशेष ध्यान दे रही हैं। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद आगरा अभी भी कई मामलों में बड़े शहरों से कोसों दूर है, जब यह काम आगरा में दशकों पहले हो जाना चाहिए था। 
हवाई अड्डा के साथ-साथ आगरा में एक बड़ी मांग बैराज की रही है जी हां,  हम बात कर रहे हैं आगरा के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की। आगरा के व्यापारियों एवं यहां के नागरिकों की मांग रही है कि आगरा को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिया जाए। हवाई अड्डा के साथ-साथ आगरा में एक बड़ी मांग बैराज की रही है, यह दोनों मांग आगरा के पर्यटन उद्योग को पंख लगा सकती हैं। आगरा के सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल इसके लिए कवायदें करते हुए दिखाई दिए हैं लेकिन दोनों ही मामलों में धरातल पर उतरता दिखाई नहीं दे रहा। इतना जरूर है कि केंद्रीय मंत्री के प्रयासों से आगरा को सिविल टर्मिनल मिल गया है, सिविल टर्मिनल धरातल पर कब दिखाई देगा यह तो आने वाला समय बताएगा। 
  अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की मांग कई दशकों से की जा रही  आगरा के पर्यटन उद्योग से जुड़ी बड़ी शख्सियत रमेश वाधवा ने यूपी टाइम्स को बताया कि हम पर्यटन उद्योगों की सरकार से कई दशकों से मांग रही है कि आगरा को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिया जाए, विदेशी सैलानी नई दिल्ली मुंबई की जगह सीधे आगरा में उतरेंगे। इसके साथ ही बैराज की एक बड़ी मांग रही है, बैराज को लेकर तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिलान्यास तक कर दिया लेकिन अभी तक इसमें कोई काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते रबर चेक डैम भी अधर में लटक गया है। रमेश वाधवा कहते हैं कि अगर यहां पर पानी का ठहराव हो तो पर्यटन उद्योग को पंख लगेंगे, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पानी से संबंधित कई सारे खेलों का भी आयोजन किया जा सकता है। यही नहीं नदी किनारे एक चौपाटी भी विकसित की जा सकती है, जिससे विदेशी मेहमानों को लजीज व्यंजन के साथ-साथ युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।    आगरा फोर्ट में लाइट एंड साउंड शो हो
रमेश वाधवा ने कहा कि हम पर्यटन उद्यमियों की मांग रही है कि आगरा फोर्ट में लाइट एंड साउंड शो हो, जिससे पर्यटक रात में रुक सकें और हम लोगों को भी लाभ मिले। उन्होंने कहा लाइट एंड साउंड शो आगरा फोर्ट के साथ-साथ फतेहपुर सीकरी में भी शुरू कराया जाए। उन्होंने आगरा पुलिस की तारीफों के कसीदे कसते हुए कहा कि पहले की अपेक्षा में आगरा में पुलिस सतर्क और सजग हुई है। विदेशी एवं देसी सैलानियों के साथ होने वाले अपराधों में बड़ी कमी देखने को मिली है। रमेश वाधवा ने कहा कि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा में आगरा के ट्रैफिक सिस्टम में बेहतर सुधार हुआ है लेकिन अभी इसको और सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार को चाहिए ताजमहल साथ-साथ आगरा के दूसरे मॉन्यूमेंट्स को भी बढ़ावा दिया जाए। अगर केंद्र और राज्य सरकार है आगरा के दूसरे मॉन्यूमेंट्स को प्रचार- प्रसार करेंगे तो पर्यटक यहां पर कुछ समय और बिताएगा। 
हवाई अड्डा और बैराज आगरा के पर्यटन उद्योग को एक नई ऊंचाई एवं नए मुकाम पर पहुंचा सकता है  रिवर कनेक्टिविटी अभियान एवं इतिहास में रुचि रखने वाले डॉक्टर देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि  आगरा को हवाई अड्डा और बैराज बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। हम लोगों की बरसों से मांग रही है कि यह दोनों ताज नगरी को मिलना चाहिए। जबकि आगरा की जगह यह जेवर भेज दे दिया गया है। आगरा के हक पर डाका डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा और बैराज आगरा के पर्यटन उद्योग को एक नई ऊंचाइयां एवं नए मुकाम पर पहुंचा सकता है। उन्होंने आगरा में यमुना नदी पर भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से यमुना नदी में अविरल जल की मांग करते रहे हैं, यही नहीं यमुना के प्रदूषण पर भी हम लोगों ने गहरी चिंता व्यक्ति है एवं हर स्तर के अधिकारी को इससे अवगत कराया है।    सिविल टर्मिनल की आधारशिला रख दी गई है
सिविल सोसाइटी के अनिल शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तो नहीं मिला लेकिन सिविल टर्मिनल की आधारशिला रख दी गई है। यह एक बड़ी उपलब्ध है, इससे आगरा के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी की बड़े लंबे समय से मांग रही है कि उटंगन नदी पर एक बड़ा बांध बने। इस पर सिविल सोसाइटी द्वारा बहुत काम किया गया है और अब यह काम भी पूरा होने को है। उन्होंने इसकी महत्ता बताते हुए कहा कि जब भी यमुना में बाढ़ आती है तो 19 किलोमीटर तक उसका पानी पहुंच जाता है जिससे ग्रामीणों की फसल चौपट हो जाती है। अनिल शर्मा ने उम्मीद जताई कि उटंगन नदी पर 2025 में डलब गेटेड बांध बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारी राज्य एवं केंद्र सरकार से मांग रही है कि आगरा की विरासत को बचाया जाए, जिससे आगरा में टूरिज्म भी बढ़ेगा और विरासत भी बचेगी। शाही हम्माम एवं अन्य पुरातत्व धरोहरों को राज्य सरकार एवं पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा इसका संरक्षण करना चाहिए। 

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