हाथरस में लापरवाही से छीन गईं सात जिंदगियां : 8 की जगह 20 सवारियां बैठी थीं मैजिक में, जिम्मेदार कौन....

UPT | क्षतिग्रत मैजिक सवारी गाड़ी।

Dec 11, 2024 01:54

मथुरा बरेली मार्ग पर हुए हादसे में सात लोगों की मौत हुई है। संभागीय परिवहन विभाग ने इस मामले में प्रथम दृष्टया कैंटर चालक की लापरवाही मानी है। एआरटीओ...

Hathras News : मथुरा बरेली मार्ग पर हुए हादसे में सात लोगों की मौत हुई है। संभागीय परिवहन विभाग ने इस मामले में प्रथम दृष्टया कैंटर चालक की लापरवाही मानी है। एआरटीओ लक्ष्मण प्रसाद का कहना है कि हादसे के बाद मौका मुआयना करने के बाद पता चला कि सवारी वाहन टाटा मैजिक नंबर UP 82T 2578 हाथरस की तरफ से आ रहा था। इस दौरान सिकन्दराराऊ की ओर से आ रहे कैंटर नंबर NL 01-AE 5740 ने किसी वाहन को तेज गति से आवेरटेक किया और सामने से आ रहे मैजिक को टक्कर मार दी। 



सभी दस्तावेज पूर्ण पाए गए 
एआरटीओ का कहना है कि दोनों ही वाहनों की फिटनेस, बीमा, परमिट, प्रदूषण आदि सभी दस्तावेज पूर्ण पाए गए हैं। टाटा मैजिक नंबर UP 82T 2578 एटा एआरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन था। यह वाहन किशन पाल पुत्र सौदान सिंह, निवासी गांव रेवाड़ी सकीट जनपद एटा के नाम पंजीकृत है। जबकि कैंटर नंबर NL 01-AE 5740 नागालैंड में कोहिमा जनपद में पंजीकृत है। इसके मालिक परवीन पुत्र शमशेर सिंह, निवासी फोरेस्ट कॉलोनी कोहिमा सदर जनपद कोहिमा नागालैंड है।

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टाटा मैजिक में 21 लोग थे सवार
जानकारी के मुताबिक, टाटा मैजिक की क्षमता 8 सवारियों की थी और उसमें 20 लोग सवार थे। जबकि चालक समेत 21 थे। यहां तक कि चालक वाली सीट पर भी सवारियां थीं। ऐसे में चालक को भी बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि स्पीड भी काफी तेज थी। दरअसल हाथरस से सिकंदराराऊ तक सवारियां ढोने वाली टाटा मैजिक नंबर के साथ दौड़ती हैं। कहीं दूसरी टाटा मैजिक पहले न पहुंच जाए इसलिए अंधाधुंध रफ्तार के साथ गाडि़यों को दौड़ाते हैं। जिस कारण दिन प्रतिदिन सड़क हादसे बढ़ रहे हैं।

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इस टाटा मैजिक पर किसी का ध्यान नहीं
हादसे का शिकार होने वाली टाटा मैजिक को RTO के एटा कार्यालय से जो परमिट मिला है वह केवल आठ सवारियों का है। लेकिन सवारियां 20 भर दी गईं। खास बात यह है कि इस टाटा मैजिक द्वारा सुबह से सवारियां ढोई जा रही थीं लेकिन किसी चौके चौराहें पर आरटीओ और पुलिस का ध्यान नहीं गया। जबकि कई थाने और चौकियां रास्ते में पड़ीं। अगर पुलिस ने रोक लिया होता तो शायद यह हादसा न हुआ होता। जगह-जगह गाडि़यां लगाकर चेकिंग करने वाली आरटीओ की टीम को क्षमता से अधिक सवारियां ढोने वाले वाहन नजर नहीं आते हैं। 

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