अयोध्या में नवरात्र के दौरान मांस बिक्री पर प्रतिबंध : नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, साधु-संतों ने की ये मांग

UPT | अयोध्या में नवरात्र के दौरान मांस बिक्री पर प्रतिबंध

Oct 02, 2024 14:03

नवरात्र के पावन अवसर पर अयोध्या जनपद में मांस की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। नगर खाद्य आयुक्त मानिक चंद ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है...

Ayodhya News : नवरात्र के पावन अवसर पर अयोध्या जनपद में मांस की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। नगर खाद्य आयुक्त मानिक चंद ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक सभी प्रकार की मांस की दुकानें बंद रहेंगी। इस दौरान बकरा, मुर्गा और मछली की बिक्री एवं भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 

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खाद्य विभाग ने जारी पत्र
खाद्य विभाग द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि यदि इस अवधि में मांस की बिक्री या भंडारण किया जाता है, तो आम जनता को विभाग के दूरभाष नंबर 05278 366 607 पर सूचना देने के लिए कहा गया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले खाद्य कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। 
  धार्मिक भावनाओं का सम्मान
इस आदेश का उद्देश्य धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना और नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं को शांति एवं पवित्रता का अनुभव कराना है। रामनगरी में साधु संतों द्वारा मांस और मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने की कई बार मांग की गई है। कई साधु संतों ने मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक इस संबंध में निवेदन पत्र भेजे हैं और आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। 



साधु-संतों ने की ये मांग
साधु संतों का कहना है कि यदि पूरे जनपद में मांस और मदिरा पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता, तो कम से कम 14 कोसी और पंच कोसी क्षेत्र में इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। यह क्षेत्र धार्मिक आयोजनों और भक्तों की परिक्रमा यात्रा का केंद्र है, और यहां मांस तथा मदिरा की बिक्री अस्वीकार्य है। अयोध्या धाम के 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर निवास करने वाले पंडित शैलेंद्र उपाध्याय ने कहा कि धर्म नगरी अयोध्या के 84 कोस की परिधि में मांस और मदिरा की बिक्री नहीं होनी चाहिए। उनका मानना है कि जीवों का वध करके भोजन करना आसुरी प्रवृत्ति है, और मांस का सेवन करने से न केवल तन, मन और वाणी दूषित होती है, बल्कि विचार भी विकृत होते हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि धार्मिक नगरियों में ऐसे कार्यों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। 

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