एक्शन में दिखे DIG वैभव कृष्ण : मुख्तार की पत्नी आफसां अंसारी सहित 15 आरोपियों पर नजर, 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित

UPT | एक्शन में दिखे DIG वैभव कृष्ण

Aug 02, 2024 00:51

आजमगढ़ मंडल के डीआईजी वैभव कृष्ण ने आजमगढ़, मऊ और बलिया के 15 फरार अपराधियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। ये अपराधी लंबे समय से फरार चल रहे हैं...

Azamgarh News : आजमगढ़ मंडल के डीआईजी वैभव कृष्ण ने आजमगढ़, मऊ और बलिया के 15 फरार अपराधियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। ये अपराधी लंबे समय से फरार चल रहे हैं, जिनमें हार्ट अटैक से मृतक मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशां अंसारी भी शामिल हैं। डीआईजी ने मंडल के सभी पुलिस कप्तानों और टीमों को इन अपराधियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं, चूंकि ये सभी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। इससे पूर्व डीआईजी वैभव कृष्ण ने बलिया जिले के नरही थाने में एडीजी पीयूष मोर्डिया के साथ छापेमारी कर कई पुलिस कर्मियों और दलालों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने बलिया के पुलिस कप्तान और अधिकारियों को जिले की निगरानी को बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए थे।



आजमगढ़ मंडल के डीआईजी वैभव कृष्ण ने जिन 15 फरार अपराधियों पर इनाम घोषित किया है, उनमें प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं :
  • मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशां अंसारी, जो मऊ जिले के युसूफपुर मोहम्मदाबाद की निवासी हैं और 2022 के एक मामले में फरार हैं।
  • आफताब, जो मऊ के मोहम्मदाबाद थाने का है।
  • रतन सोनकर, जो थाना कोपागंज, मऊ का निवासी है।
  • चौकीदार रामजीवन, जो थाना कोतवाली, मऊ का है।
  • राहुल गौड़, जो घोषी, मऊ का रहने वाला है।

डीआईजी वैभव कृष्ण ने बलिया के जिन पांच फरार अपराधियों पर इनाम घोषित किया है, वे निम्नलिखित हैं :
  • लक्ष्मण गुप्ता, निवासी नरही थाना क्षेत्र, बलिया।
  • प्रताप यादव, निवासी नरही थाना क्षेत्र, बलिया।
  • सोनू पासवान, निवासी सहतवार थाना क्षेत्र, बलिया।
  • इस्तियाक, निवासी नरही थाना क्षेत्र, बलिया।
  • मुन्नीलाल राजभर, निवासी नगरा थाना क्षेत्र, बलिया।
कौन हैं आईपीएस वैभव कृष्ण
वैभव कृष्ण 2010 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के निवासी हैं। उनके पिता का नाम डॉ. केके शर्मा है। उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की। बीटेक की पढ़ाई के बाद, वैभव कृष्ण ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और 2009 में पहली बार इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की। उन्हें ऑल इंडिया में 86वीं रैंक मिली, जिसके आधार पर वे आईपीएस अधिकारी बने।

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