आजमगढ़ में अवैध अस्पताल सील : SDM ने मारा छापा, बंद करने के बावजूद संचालन शुरू, कहा- होगा मुकदमा दर्ज

UPT | आजमगढ़ में अवैध अस्पताल सील

Nov 19, 2024 19:39

आजमगढ़ के मुबारकपुर कस्बे में स्थित सायरा मेमोरियल हॉस्पिटल को अवैध रूप से चलाए जाने के आरोप में सोमवार रात को एसडीएम सदर सुनील कुमार धनवंता IAS के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया...

Azamgarh News : आजमगढ़ के मुबारकपुर कस्बे में स्थित सायरा मेमोरियल हॉस्पिटल को अवैध रूप से चलाए जाने के आरोप में सोमवार रात को एसडीएम सदर सुनील कुमार धनवंता IAS के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान मुबारकपुर थाना पुलिस और नगर पालिका मुबारकपुर की टीम भी मौके पर मौजूद रही। टीम ने अस्पताल में अवैध गतिविधियों और नियमों के उल्लंघन को लेकर यह कदम उठाया, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और अवैध संचालन पर रोक लगाई जा सके।

एक महीने पहले की थी कार्रवाई
एक माह पहले भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस अस्पताल की जांच की थी, और सीएमओ के आदेश पर कार्रवाई की गई थी। इसके बावजूद, अस्पताल का संचालन फिर से शुरू हो गया था। सोमवार को, जैसे ही एसडीएम सदर के नेतृत्व में टीम ने मौके पर छापा मारा, वहां हड़कंप मच गया। यह अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग में चलाया जा रहा था और यहां एलोपैथिक पद्धति से मरीजों का इलाज किया जा रहा था। आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर जैसी सुविधाएं भी यहां उपलब्ध थीं और लेप्रोस्कोपी जैसी सर्जरी का भी इलाज किया जा रहा था, जबकि अस्पताल में यूनानी डॉक्टर का सर्टिफिकेट लगा हुआ था।



एसडीएम ने दिए निर्देश
इस दौरान एसडीएम सदर ने नगर पालिका के जेई को बिल्डिंग के निर्माण के संबंध में कई निर्देश दिए और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि यदि भवन मानकों के अनुरूप नहीं है, तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाए। जब अस्पताल में मौजूद व्यक्ति से पूछताछ शुरू की गई, तो उसने कई बार जानकारी देने में हिचकिचाहट दिखाई और सवालों के जवाब देने से बचने की कोशिश की। सीसीटीवी कैमरों के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही थी और यह दावा किया जा रहा था कि इस समय अस्पताल में कोई मरीज नहीं है। हालांकि, टीम को प्रिस्क्रिप्शन की पर्ची मिली, और कई मेडिकल मशीनें चालू अवस्था में पाई गईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अस्पताल की स्थिति को छुपाने की कोशिश की जा रही थी।

इस तरह उगली सच्चाई
एसडीएम सदर के सख्त रुख अपनाने पर अस्पताल से जुड़े व्यक्ति ने धीरे-धीरे सच्चाई उगली। उसने अपनी पुत्री के मेडिकल पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) में पढ़ाई करने का भी जिक्र किया। लेकिन एसडीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर उसकी पुत्री यहां इलाज कर रही है, तो यह सवाल उठता है कि जब वह कॉलेज में पढ़ाई कर रही है, तो यहां पर इलाज कैसे संभव है? उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कॉलेज से इस बारे में जानकारी ली जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह वास्तव में वहां पढ़ाई कर रही है या नहीं।

पहले भी आए ऐसे मामले
एसडीएम सदर ने अस्पताल में किसी भी प्रकार के मानक के बिना इलाज होने पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि यदि किसी भर्ती मरीज के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अस्पताल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। आजमगढ़ जिले में यह पहला अस्पताल नहीं है, जो सील होने के बाद फिर से संचालित हो रहा है। इससे पहले भी तीन अस्पतालों को सील किया गया था, लेकिन वे फिर से चल रहे थे, जिसके बाद प्रशासन ने फिर से कार्रवाई की।

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