सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कई गांवों में दहशत फैल गई है। तटवर्तीय लोगों की नींद गायब है। लोग दहशत में जीवन जी रहे हैं। जिला प्रशासन...
Aug 27, 2024 01:19
सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कई गांवों में दहशत फैल गई है। तटवर्तीय लोगों की नींद गायब है। लोग दहशत में जीवन जी रहे हैं। जिला प्रशासन...
Ballia News : सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कई गांवों में दहशत फैली हुई है। तटवर्तीय लोगों की नींद उड़ गई है। लोग दहशत में जीवन जी रहे हैं। जिला प्रशासन एवं बाढ़ विभाग इन गांवों में सुरक्षा को लेकर गंभीर है। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ चौकियों को राहत बचाव कार्य के लिए अलर्ट कर दिया गया है। लगातार नदियों के जलस्तर पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।
बता दें कि बाढ़ग्रस्त इलाके चांदपुर, कोलकला, ककरघट्टा, सहतवार आदि में खतरा बढ़ गया है। घाघरा नदी में पानी में बढ़ाव की वज़ह से क्षेत्र के ग्रामीण भयभीत और उनके हाथ पांव फूलने शुरु हो गए हैं। इस दौरान बाढ़ अधिकारियों का दावा है कि 24 घंटे निगरानी की जा रही हैं। बाढ़ विभाग के अघिकारी और कर्मचारी बाढ़ क्षेत्र में काम कर रहे है। सारे बंधे सुरक्षित हैं।
पेड़ एवं मकान जमींदोज
बताते चलें कि भले ही सरयू नदी में प्रति घंटा एक सेंटीमीटर बढ़ाव हो रहा है। लेकिन गंगा में घटाव के चलते लोग राहत की सांस ले रहे हैं। पिछले एक महीना में देखा जाए तो सरयू नदी की तेज लहरों में हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि, नदी किनारे स्थित प्राचीन मंदिर, पेड़ एवं मकान जमींदोज हुए हैं। अपनी आंखों के सामने बाढ़ एवं कटान पीड़ित सब कुछ देखते एवं सहते रहे हैं। जिला प्रशासन हर बार की तरह इस बार भी बचाव कार्य में लगा हुआ है, लेकिन बाढ़ एवं कटान का स्थाई हल ढूंढने में नाकाम है।
सुरक्षा और अनाज़ की मांग कर रहे हैं ग्रामीण
गौरतलब हो कि बलिया जनपद तीन तरफ से नदियों से घिरा है। यहां जून से लेकर सितंबर माह तक गंगा एवं सरयू नदी में पानी बढ़ता और घटता रहता हैं। इसी वज़ह से ग्रामीण भयभीत रहते हैं और उन्हें डर सताता रहता है। हालांकि पानी बढ़ाव के चलते कई बिगहा ज़मीन घाघरा में विलीन और समा गई हैं। उधर ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा और अनाज़ की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर बाढ़ विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी बांस के बम्बू के सहारे और बोरे से कटान रोधी उपकरणों नदी किनारे लगाया जा रहा है। जिस नदी की तेज धारा से नुकसान को रोका जा सके।
उधर बाढ़ एवं कटान पीड़ितों का आरोप है कि विभागीय अफसर बाढ़ क्षेत्र में नहीं आते। वह पीड़ितों का हाल तक नहीं पूछते। ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत आला अफसरों से करते हुए बाढ़ व कटान से निजात दिलाने की मांग रखी।