बरेली कोर्ट ने असदुद्दीन ओवैसी को भेजा नोटिस : 'जय फिलिस्तीन' बोलने पर उठे सवाल, जानिए पूरा मामला

UPT | असदुद्दीन ओवैसी

Dec 23, 2024 16:13

यह नोटिस ओवैसी द्वारा संसद में "जय फिलिस्तीन" बोलने के मामले में भेजा गया है। जिस पर उन्हें संवैधानिक और कानूनी मान्यताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

Bareilly News : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और तेलंगाना से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी को उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित एक कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस ओवैसी द्वारा संसद में "जय फिलिस्तीन" बोलने के मामले में भेजा गया है। जिस पर उन्हें संवैधानिक और कानूनी मान्यताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

कोर्ट में पेश होने का आदेश
बरेली सत्र न्यायालय ने असदुद्दीन ओवैसी को 7 जनवरी 2025 को कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है। इस मामले में वकील वीरेंद्र गुप्ता ने ओवैसी के खिलाफ वाद दायर किया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि 7 जनवरी 2025 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी बरेली कोर्ट में एक अन्य मामले में हाजिर होना है।


जानिए क्या था मामला
यह विवाद तब शुरू हुआ जब असदुद्दीन ओवैसी ने 25 जून 2024 को 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में "जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन" कहा। ओवैसी के इस बयान ने संसद में जमकर हंगामा मचाया था। ओवैसी ने कहा था कि "यह कैसे खिलाफ है, संविधान में प्रावधान दिखाएं", जब उन्हें इस बयान के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। ओवैसी का कहना था कि उनका यह बयान संविधान के खिलाफ नहीं था और उन्होंने कोई अवैध या आपत्तिजनक बात नहीं की थी।

भाजपा सांसदों का विरोध
जब ओवैसी ने लोकसभा में शपथ ली तो उसी समय भाजपा के सांसदों ने "जय श्री राम" के नारे लगाए थे, जो संसद में एक तीव्र राजनीतिक और धार्मिक विवाद का कारण बने। ओवैसी द्वारा "जय फिलिस्तीन" बोलने के बाद इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई, खासकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच। भाजपा ने ओवैसी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जबकि ओवैसी ने इसका बचाव करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है और संविधान में इसकी कोई दिक्कत नहीं है।

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