पीलीभीत का 'मिनी गोवा' : पीटीआर में 53 हजार तक पहुंची सैलानियों की संख्या, बाघों के अद्भुत नजारों ने बढ़ाया पर्यटन

UPT | Pilibhit Tiger Reserve

Sep 27, 2024 17:08

हजारों सैलानी यहां की प्राकृतिक सुंदरता और बाघों के अद्भुत नजारों का आनंद लेने आते हैं। इस साल, सैलानियों की संख्या में भी भारी वृद्धि देखने को मिली है...

Short Highlights
  • पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा दिया है
  • सैलानियों को यहां मिनी गोवा का अनुभव होता है
  • यहां पर्यटन सत्र 15 जून से 15 नवंबर तक चलता है
Pilibhit News : पीलीभीत जिले की प्राकृतिक सुंदरता और यहां के बाघों के मनमोहक दृश्यों ने इसे पर्यटन के क्षेत्र में एक खास पहचान दिलाई है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) ने न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा दिया है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित किए हैं। यहां के बाघों की बढ़ती संख्या और उनके अद्भुत व्यवहार ने सैलानियों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सैलानियों को मिनी गोवा का होता है अनुभव
पीटीआर के महोफ रेंज और शारदा डैम के किनारे के दृश्यों ने सैलानियों को मिनी गोवा जैसा अनुभव प्रदान किया है। पर्यटन सत्र के दौरान, जो 15 जून से 15 नवंबर तक चलता है, हजारों सैलानी यहां की प्राकृतिक सुंदरता और बाघों के अद्भुत नजारों का आनंद लेने आते हैं। इस साल, सैलानियों की संख्या में भी भारी वृद्धि देखने को मिली है।



जंगल में प्रसिद्ध है सुल्तान और त्रिशूल बाघ 
दरअसल, जंगल सफारी के दौरान बाघों का खेलना और तैरना सैलानियों के लिए एक खास अनुभव बन गया है। इस साल, सैलानियों की संख्या 35 हजार से बढ़कर 53 हजार हो गई है। यह वृद्धि पीटीआर के आकर्षण को दर्शाती है और सैलानियों को बार-बार आने के लिए प्रेरित करती है। पर्यटन सत्र में कुछ बाघ विशेष रूप से प्रसिद्ध हो गए हैं, जैसे सुल्तान बाघ का परिवार और त्रिशूल बाघ। इन बाघों को सैलानियों ने नाम भी दिए हैं, जो उन्हें और भी खास बनाते हैं। यह नामकरण बाघों के प्रति सैलानियों के लगाव का प्रतीक है।

स्थानीय व्यापार को मिला बढ़ावा
पीटीआर के पर्यटन ने स्थानीय व्यापार को भी लाभान्वित किया है। पहले जहां केवल दो होम स्टे थे, अब उनकी संख्या बढ़कर छह हो गई है। कई लोग नए होम स्टे बनाने के लिए जमीन खरीद रहे हैं, जिससे पर्यटन क्षेत्र में और भी विकास हो रहा है। रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। जंगल में सैलानियों को ले जाने के लिए निजी जिप्सी वाहनों का उपयोग होता है। स्थानीय युवाओं को गाइड बनने का मौका मिला है, जिससे वे रोजगार से जुड़ गए हैं। पिछले सत्र में 50 जिप्सी वाहनों की संख्या बढ़कर इस सत्र में 80 तक पहुंचने की उम्मीद है।

देश-विदेश के सैलानियों का बना आकर्षण
पीटीआर की सुंदरता ने न केवल देश के सैलानियों को, बल्कि विदेशियों को भी आकर्षित किया है। इस वर्ष 189 विदेशी सैलानी यहां आए, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या केवल 54 थी। जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के सैलानी इस बढ़ती संख्या में शामिल हैं।

टेंट सिटी बसाने पर चल रहा मंथन
जंगल के आसपास के इलाकों में पर्यटन को विकसित करने की योजनाएं भी चल रही हैं। पिपरिया संतोष गांव में टेंट सिटी बनाने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, जबकि गोमती उद्गम स्थल को भी पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा है। डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि पीटीआर के आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। साथ ही चूका बीच के साथ-साथ सप्तसरोवर को भी विकसित किया गया है।

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