मुस्लिमों पर पूर्व भाजपा सांसद का विवादित बयान : बोले- देश पर कब्जे के लिए बच्चे पैदा कर रहे

UPT | मुस्लिमों पर पूर्व भाजपा सांसद का विवादित बयान

Sep 19, 2024 15:04

बस्ती के पूर्व सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता हरीश द्विवेदी ने मुसलमानों को लेकर एक बड़ा विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देश पर कब्जा करने के लिए अधिक संख्या में बच्चे पैदा करने का जिहाद चला रहे हैं।

Short Highlights
  • पूर्व भाजपा सांसद का विवादित बयान
  • मुस्लिमों को लेकर की विवादित टिप्पणी
  • बोले- मानसिकता देश पर कब्जा करना
Basti News : बस्ती के पूर्व सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता हरीश द्विवेदी ने मुसलमानों को लेकर एक बड़ा विवादित बयान दिया है। असम राज्य से प्रभारी और पूर्व भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी कल जनपद में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समाज के खिलाफ विवादित टिप्पणी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देश पर कब्जा करने के लिए अधिक संख्या में बच्चे पैदा करने का जिहाद चला रहे हैं।

क्या बोले पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी?
हरीश द्विवेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'इस देश में कई जिहाद चल रहे हैं। वोट जिहाद, लैंड जिहाद... इसी प्रकार एक नए तरीके का जिहाद के विशेष वर्ग के द्वारा शुरू किया गया है, जनसंख्या बढ़ाओ जिहाद। अधिक से अधिक बच्चा पैदा करो और धीरे-धीरे पॉलिटिकल सिस्टम में कब्जा करने की उनकी योजना है।'

बोले- वो वोट नहीं देंगे
हरीश द्विवेदी ने आगे कहा कि 'इससे हम सभी देशवासियों को सतर्क रहना चाहिए। लाख मोदी और योगी सरकार की योजनाएं हों, उनको लाख लाभ मिल गया हो, लेकिन वोट के रूप में वह आपके साथ नहीं खड़े हैं। कहीं न कहीं उनकी मानसिकता है कि ऐसा देश बनाना है, जो एक विशेष कानून, विशेष धर्म के आधार पर चले। पढ़ाना, खिलाना, नौकरी लेना, नौकरी देना उनके लिए विषय नहीं है। उनका विषय ये है कि देश को कैसे कब्जा किया जाए, इस दिशा में वह काम कर रहे हैं।

'फिर सरकार पर लगाएंगे आरोप'
उन्होंने कहा कि जिनके पास खाने तक की व्यवस्था नहीं है वे लोग 21–21 बच्चे पैदा कर रहे हैं। उन्हें पढ़ा लिखा कर अधिकारी या शिक्षक बनाने के बजाय सरकार के सिस्टम को हैक करने के काम में लगा रहे हैं। इस समुदाय के लोग मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं कि अधिक से अधिक संख्या में बच्चे पैदा करे और फिर सरकार पर आरोप लगाया जा सके कि उन्हें रोजगार और मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है।'

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