विधायक ने बुलाया धरना : प्रदेश अध्यक्ष बोले- कोई मत जाना, आखिर आपस में क्यों भिड़े भाजपा की 'सहयोगी पार्टी' के नेता?

UPT | प्रदेश अध्यक्ष और विधायक आमने-सामने

Sep 10, 2024 17:57

सिद्धार्थनगर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आय़ा है, जहां भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष अपनी ही पार्टी के विधायक से भिड़ गए।

Short Highlights
  • प्रदेश अध्यक्ष और विधायक आमने-सामने
  • विधायक ने लगाए थे गंभीर आरोप
  • धरने पर बैठने की दी थी चेतावनी
Siddharthnagar News : सिद्धार्थनगर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आय़ा है, जहां भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष अपनी ही पार्टी के विधायक से भिड़ गए। विधायक विनय वर्मा ने धरना बुलाया, तो प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने साफ-साफ कह दिया कि अगर पार्टी का कोई भी सदस्य इस धरने में शामिल हुआ, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल अपना दल (एस) के शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने पुलिस पर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक वर्मा ने जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत करते हुए धरना देने का ऐलान किया है। उनका धरना मंगलवार (10 सितंबर) को सुबह 11 बजे ज़िला मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने प्रस्तावित था। लेकिन उससे पहले ही प्रदेश अध्यक्ष की चिट्ठी सामने आ गई, जिसमें उन्होंने कहा कि धरना पार्टी की अनुमति के बिना बुलाया गया है, इसलिए इसमें कोई भी शामिल न हो।

क्या बोले प्रदेश अध्यक्ष?
राजकुमार पाल ने लेटर में लिखा- 'शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय वर्मा द्वारा बुलाए गए धरने की जानकारी मिली है। यह धरना बिना पार्टी या मेरी अनुमति और स्वीकृति के आयोजित किया गया है। अतः पार्टी के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य को इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं है पार्टी अनुशासन और नीति के तहत कार्य करती है, और यह धरना पार्टी की आधिकारिक गतिविधि नहीं है। आपसे अनुरोध है कि इन निर्देशों का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें। कृपया इस संदेश को सभी कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएं और सुनिश्चित करें कि कोई भी अनुशासनहीनता न हो।'

विधायक ने लगाए थे गंभीर आरोप
विधायक विनय वर्मा ने आरोप लगाया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ में हाल ही में हुए एक घटना में पुलिस ने प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि अवैध मिट्टी खनन के दौरान ट्रैक्टर ट्राली पलटने के बाद आग लगने से ड्राइवर की मौत हो गई थी। वर्मा ने आरोप लगाया कि ढेबरुआ थानाध्यक्ष ने इस मामले में दोषी व्यक्तियों को बचाने की कोशिश की। इस शिकायत को लेकर उन्होंने एसपी और अन्य उच्चाधिकारियों को सूचित किया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। साथ ही, विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि शोहरतगढ़ थानाध्यक्ष ने उनकी जनता के हित में किए गए प्रयासों को नजरअंदाज किया और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने दावा किया कि ये सब पुलिस कप्तान के इशारे पर किया जा रहा है। वर्मा का कहना है कि इस सब से दुखी होकर वह धरने पर बैठने का निर्णय ले चुके हैं।

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