Chitrakoot News : दहेज हत्या में मृतका के पति को 8 साल की सजा, नाले में फेंक दिया था शव

UPT | दहेज हत्या में सजा

Jun 27, 2024 10:49

कोरोना काल के दौरान हुई दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय ने मृतका के पति को 8 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 8 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

Chitrakoot News : कोरोना काल के दौरान हुई दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय ने मृतका के पति को 8 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 8 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

50 हजार रुपये की मांग की थी
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि दहेज हत्याकांड की रिपोर्ट रैपुरा थाना क्षेत्र के गढ़वारा गांव निवासी सरधुवा तहसीलदार पुरुषोत्तम ने 5 सितंबर 2020 को लिखाई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्होंने अपनी बेटी सविता की शादी 6 साल पहले सरधुवा निवासी अखिलेश के साथ की थी। शादी में नियमानुसार दान-दहेज देने के बावजूद बेटी के ससुराल वाले खुश नहीं थे और 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। बेटी ने जब इसकी जानकारी दी तो उन्होंने पैसे न होने के कारण असमर्थता जताई। दहेज के लिए अक्सर उनकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। इसकी शिकायत उन्होंने थाने में भी की थी। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसके बावजूद भी ससुराल वालों के व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ और 27 मार्च 2020 की रात को उनकी बेटी के साथ मारपीट की गई। उसकी मौत के बाद घटना को छिपाने के उद्देश्य से शव को घर के पास सूखे नाले में फेंक दिया गया। सुबह जब गांव वालों ने इसकी जानकारी दी तो पुलिस की सहमति से शव को नाले से बाहर निकाला गया।

पुलिस ने नहीं लिखी थी  रिपोर्ट 
मृतका के पिता ने बताया कि घटना के समय वह मध्य प्रदेश के जबलपुर में मजदूरी करने गया था। मोबाइल पर सूचना मिलने के बाद उसने तत्काल यहां आने का प्रयास किया, किन्तु वैश्विक बीमारी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में वाहन नहीं चल रहे थे। इसके चलते वह सूचना के लगभग 20 दिन बाद पैदल अपने घर पहुंचा था। थाने जाने पर पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी इसके चलते उसने न्यायालय में धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। जिसे चित्रकूट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकार करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश 30 जुलाई 2020 को दिए गए थे। जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज की थी और मामले के मुख्य आरोपी अखिलेश को गिरफ्तार किया था। साथ ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी मृतका के पति अखिलेश को 8 वर्ष सश्रम कारावास के साथ 8 हजार रुपये अर्थदण्ड के लिए दण्डित किया गया।

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