जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत पर किया तीखा प्रहार : हिंदू धर्म का आचार्य मैं हूं, भागवत नहीं

UPT | जगद्गुरु रामभद्राचार्य, मोहन भागवत

Dec 26, 2024 14:35

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत पर विवादित टिप्पणी करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म का आचार्य वह हैं न कि भागवत। रामभद्राचार्य ने यह स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म के अनुशासन का पालन...

Chitrakoot News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत पर विवादित टिप्पणी करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म का आचार्य वह हैं न कि भागवत। रामभद्राचार्य ने यह स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म के अनुशासन का पालन और दिशा उनकी जिम्मेदारी है न कि मोहन भागवत की। उन्होंने यह भी कहा कि भागवत जैसे संगठन के प्रमुख को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।

सर्वे पर दावा,अधिकार का संघर्ष
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बिना किसी का नाम लिए सर्वे पर भी एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि "हम जहां भी सर्वे के आधार पर मंदिर मिलने की बात कर रहे हैं, हम वहां अधिकार मांग रहे हैं। अधिकार मांगना पाप नहीं है, हम नेता बनने के लिए संघर्ष नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।" रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि किसी भी मुद्दे पर हल्की शब्दावली का प्रयोग नहीं होना चाहिए।



हिंदू धर्म की रक्षा के लिए आत्मरक्षा का अधिकार
रामभद्राचार्य ने जोर देकर कहा कि हिंदू समाज को जागरूक होना चाहिए और आत्मरक्षा का अधिकार उनका है। उन्होंने कहा कि "हिंदू समाज कितना सहन करेगा? अगर अत्याचार होगा तो आत्मरक्षा करना पड़ेगा। हिंदुओं के साथ जितना अत्याचार हुआ है, अब हिंदू समाज को जागना होगा और आत्मरक्षा करनी होगी।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं और "ओम शांति-शांति" का नारा अब पुराना हो चुका है। अब हिंदुओं को "ओम क्रांति-क्रांति" के नारे के साथ अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।

मुसलमानों से अपील, मंदिरों का सम्मान करें
रामभद्राचार्य ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वे हिंदू धर्म और मंदिरों का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि "मुसलमान हमारे समाज का हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें हमारे अस्तित्व का सम्मान करना चाहिए। हमें अपने मंदिरों को सौंपने का अधिकार है और हम किसी को भी अत्याचार की अनुमति नहीं दे रहे हैं।"

RSS में बदलाव की बात
रामभद्राचार्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बदलाव की बात करते हुए कहा कि अब आरएसएस में पहले और आज के आरएसएस में बहुत अंतर है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग हिंदू धर्म से बिछड़ गए थे, उनकी घर वापसी होनी चाहिए और समाज में सबके लिए एक समान नियम होने चाहिए।

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