सात साल बाद इंसाफ : शिष्य की बलि देने वाले तांत्रिक समेत तीन को उम्रकैद, जानिए कोर्ट का फैसला

फ़ाइल फोटो | तांत्रिक और मृतक का बेटा

Jan 10, 2025 15:26

हत्या के सात साल पुराने मामले में विशेष न्यायधीश अनिल कुमार खरवार की आदालत ने नरबलि के दोषी तांत्रिक, साले और बहनोई को उमक्रैद की सजा सुनाई और साथ ही पांच हजार का जुर्माना भी देने को...

Hamirpur News : सात साल पहले हुए हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुनाया तो इंसाफ मांग रहे परिजनों ने खुशी जताई। दरअसल सात साल पहले एक तांत्रिक ने अंधविश्वास के चलते शिष्य की बलि के नाम पर घनश्याम की हत्या कर दी। हत्या के सात साल पुराने मामले में विशेष न्यायधीश अनिल कुमार खरवार की अदालत ने नरबलि के दोषी तांत्रिक, साले और बहनोई को उमक्रैद की सजा सुनाई और साथ ही पांच हजार का जुर्माना भी देने को कहा है। 

कोर्ट ने सुनाई सजा
बता दें कि बांदा के अतर्रा मोहल्ला लालथोक निवासी प्यारेलाल प्रजापति (जीजा) व एमपी के पन्ना, माधवगंज निवासी रामकिशोर प्रजापति (साला) के खिलाफ अंधविश्वास में हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने शिकायत के बाद आरोपपत्र दाखिल किया। इस मामले में कोर्ट ने पूरी तहकीकात की मामले को बारीकी से जांचते हुए फैसला सुनाया।

खंडहर में मिला था शव
 तांत्रिक ने हत्या करने के बाद शव को पास के ही एक खंडहर में डाल दिया था।  घर न लौटने पर परिजनों फोन किया तो वो भी बंद जाने लगा जिसके बाद छानबीन में 17 अगस्त को दोपहर में तांत्रिक के घर के पास ही एक खंडहर में शव पाया गया। शरीर पर चोटों के निशान भी मिले। पुलिस ने मृतक के बेटे जितेंद्र की तहरीर पर तांत्रिक व उसके दो अन्य शिष्यों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी।

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