पति के गुटखा खाने पर झगड़े के बाद पत्नी ने आत्महत्या की : करवा चौथ की रस्म के बाद फांसी लगाकर जान दी, सुबह मिली जानकारी  

फ़ाइल फोटो | सारिका

Oct 22, 2024 00:27

हमीरपुर के जलालपुर गांव में 22 वर्षीय युवती ने करवाचौथ का व्रत पूरा करने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि देर रात दंपति के बीच गुटखा खाने को लेकर विवाद हो गया था।

Hamirpur News : उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के जलालपुर गांव में एक 22 वर्षीय युवती ने करवाचौथ का व्रत पूरा करने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह युवती दो साल पहले अपनी सगी बुआ के लड़के से प्रेम विवाह कर चुकी थी। उसकी आत्महत्या की घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि घरेलू कलह ही आत्महत्या का कारण बनी।

जानकारी के अनुसार, जलालपुर गांव के निवासी सुलभ ने दो वर्ष पूर्व फतेहपुर जनपद के थाना चांदपुर के धमनाखुर्द गांव की सारिका से शादी की थी। इस विवाह ने दोनों परिवारों के बीच तनाव पैदा कर दिया था। रविवार को सारिका ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखा था। दिनभर की कठिन तपस्या के बाद उसने शाम को पूजा-पाठ के साथ पति के हाथों पानी पीकर व्रत का पारण किया। 


झगड़े के बाद पति चला गया बरामदे में सोने  
हालांकि, देर रात दंपति के बीच गुटखा खाने को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद के बाद पति सुलभ बरामदे में चले गए और सारिका कमरे में सोने चली गईं। इसी बीच, रात में सारिका ने पंखे के हुक से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सोमवार की सुबह जब परिवार के सदस्य जागे, तो उन्होंने सारिका का शव फंदे से लटका हुआ देखा। इस दृश्य ने पूरे परिवार में हड़कंप मचा दिया। पुलिस को सूचना दी गई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

परिवार के लोग इस मामले में अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं 
पुलिस के अनुसार, पारिवारिक कलह ही आत्महत्या का मुख्य कारण प्रतीत हो रहा है। हालांकि, सुलभ और उसके परिवार के लोग इस मामले में अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। मृतका के परिजन भी गांव पहुंच रहे हैं, और पुलिस ने अभी तक कोई औपचारिक तहरीर नहीं प्राप्त की है। पुलिस ने कहा है कि तहरीर मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना घरेलू विवादों के कारण आत्महत्या के बढ़ते मामलों को उजागर करती है और समाज में इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता को दर्शाती है। इसके साथ ही, यह भी आवश्यक है कि परिवारों में संवाद और समझदारी के साथ समस्याओं का समाधान किया जाए ताकि इस तरह की दुखद घटनाएं भविष्य में न हों। 

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