शारदीय नवरात्र : कालका देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, कन्या भोज और भंडारे का आयोजन, भक्तों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

UPT | शारदीय नवरात्र।

Oct 06, 2024 20:00

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन चित्रकूट के देवी पंडालों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोरी गांव के पहाड़ की चोटी पर विराजमान कालका देवी के प्राचीन मंदिर में विशेष रूप से भक्तों का तांता लगा रहा।

Chitrakoot News : शारदीय नवरात्र के चौथे दिन चित्रकूट के देवी पंडालों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
उमड़ पड़ी। सुबह से ही भक्तों ने देवी दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों का रुख किया। रामनगर ब्लॉक मुख्यालय से
लगभग नौ किलोमीटर दूर स्थित लोरी गांव के पहाड़ की चोटी पर विराजमान कालका देवी के प्राचीन मंदिर में विशेष रूप से
भक्तों का तांता लगा रहा। 

 मंदिर में 12 से अधिक मूर्तियां स्थापित 
कालका देवी के इस मंदिर में 12 से अधिक मूर्तियां स्थापित हैं। गांव के प्रधानपति अरुण कुमार सिंह और मंदिर के पुजारी
गोरेलाल ने बताया कि इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। प्राचीन काल में यहां 26 प्रतिमाएं स्थापित थीं, जो 64 कलाओं से
परिपूर्ण थीं। हालांकि, मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल के दौरान इन प्रतिमाओं को तोड़ दिया गया था। सिर्फ तीन
प्रतिमाएं ही बच पाईं, लेकिन 30 साल पहले अज्ञात चोरों ने इनमें से दो प्रतिमाएं चोरी कर लीं। बाद में पुलिस ने एक प्रतिमा
को बरामद कर लिया, जिसे पुनः मंदिर में स्थापित कर दिया गया।

मंदिर में सुबह से ही पूजा, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान हुए 
मंदिर में सुबह से ही भक्तों का आना-जाना लगा रहा। पूजा, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन दिनभर चलता
रहा। कन्या भोज और भंडारे का आयोजन भी विशेष रूप से किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह से भाग लिया। मंदिर
में देर रात तक भजन-कीर्तन का कार्यक्रम जारी रहा, जिसमें भक्तों ने देवी के जयकारों के साथ उत्सव को और भी भव्य
बनाया।

 गांव के प्रधानपति ने बताया कि देवी भक्तों की सुविधा के लिए परिक्रमा मार्ग में इंटरलॉकिंग कराई गई है और साथ
ही रोशनी, पेयजल और छाया की अस्थाई व्यवस्थाएं भी की गई हैं। इस नवरात्र में भागवत कथा और महापुराण का आयोजन
भी किया जा रहा है, जिससे भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हो रहा है। शारदीय नवरात्र के इस अवसर पर कालका देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और भी उजागर किया।  

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