गोरखपुर में डॉ. अनुज सरकारी पर दर्ज होगा मुकदमा : पत्नी को दिखाने गए सिपाही के साथ हुई थी मारपीट, एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई

UPT | गोरखपुर की खबर

Jan 19, 2025 09:38

गोरखपुर में अनुसूचित जाति की एक महिला और उसके सिपाही पति के साथ गैस्ट्रो लीवर अस्पताल के डॉक्टर और उनके कर्मचारियों द्वारा मारपीट की घटना सामने आई है। इस मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट ने डॉक्टर अनुज सरकारी और उनके कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कैंट थाना पुलिस को विवेचना का आदेश दिया है।

Gorakhpur News : गोरखपुर जिले के एक गैस्ट्रो लीवर हास्पिटल में एक महिला और उसके सिपाही पति के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। यह मामला अनुसूचित जाति से संबंधित महिला अदिति और उनके सिपाही पति पंकज कुमार से जुड़ा है। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) दीपा राय ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए डॉक्टर अनुज सरकारी और उनके दो दर्जन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश कैंट थाना पुलिस को दिया है।

मामला कैसे शुरू हुआ?
यह घटना संतकबीरनगर जिले के कोतवाली खलीलाबाद थाना क्षेत्र के मंझरिया गंगा की रहने वाली अदिति से जुड़ी हुई है। अदिति के अनुसार, उन्हें दो अक्टूबर 2024 को पेट में दर्द हुआ, जिसके बाद वह अपने पति पंकज कुमार के साथ डॉक्टर अनुज सरकारी के पास उपचार के लिए गई थीं। डॉक्टर ने उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी, जिसे अदिति ने तीन अक्टूबर 2024 को अस्पताल में करवा लिया। 

जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल 
जब पंकज ने डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता पर सवाल उठाया, तो डॉक्टर अनुज सरकारी ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए वादिनी (अदिति) और उनके पति का अपमान किया। पंकज ने इसका विरोध किया, जिसके बाद डॉक्टर ने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर उन्हें बुरी तरह से पीटा। इसके बाद, डॉक्टर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पुलिस को बुलवाया, जिससे वादिनी और उनके पति को थाने में बंद कर दिया गया। हालांकि, पुलिस ने बाद में उन्हें बिना किसी दोष के छोड़ दिया। 

दूसरी बार हुई मारपीट
चार अक्टूबर 2024 को पंकज कुमार ने अपना आधार कार्ड और वादिनी के दवा का पर्चा लेने के लिए डॉक्टर अनुज सरकारी के अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान फिर से पंकज को मारपीट का सामना करना पड़ा। इसके बाद, डॉक्टर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने पंकज कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

न्याय की उम्मीद
यह घटना गोरखपुर में एक बड़ी चर्चा का विषय बन गई है। न्याय के इस प्रयास में वादी की ओर से अधिवक्ता गिरिजेश मणि त्रिपाठी और ऋषिकेश पांडेय ने मामले को उठाया और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की। अब, विशेष न्यायाधीश दीपा राय ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि पीड़ितों को जल्द न्याय मिलेगा। 

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