फसल अवशेष जलाने वालों की सैटेलाइट से होगी निगरानी : डीएम की निगरानी में कृषि राजस्व व पुलिस की टीमें सतर्क

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Nov 10, 2024 14:23

महराजगंज जिले में फसल अवशेष जलाने से बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। लखनऊ के मुख्य सचिव के निर्देशानुसार, जिले में सैटेलाइट के माध्यम से फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी की जा रही है।

maharajganj News : महराजगंज जिले में फसल अवशेष जलाने से बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। लखनऊ के मुख्य सचिव के निर्देशानुसार, जिले में सैटेलाइट के माध्यम से फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी अनुनय झा ने आदेश जारी करते हुए अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कृषि, राजस्व, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारियों की विशेष टीमें बनाकर निगरानी करें।

सभी थानाध्यक्षों को नियमित भ्रमण करने के निर्देश 
पुलिस अधीक्षक ने सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्रों में नियमित भ्रमण कर पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम करें। अगर कोई भी घटना सामने आती है तो संबंधित कृषक या कंबाइन हार्वेस्टर मालिक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। कृषि और राजस्व विभाग की टीमों को भी निर्देशित किया गया है कि सैटेलाइट से प्राप्त हर घटना की पुष्टि करें और राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा 24 के तहत पराली जलाने वालों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली सुनिश्चित करें। 

क्षतिपूर्ति की राशि खेत के आकार के अनुसार निर्धारित की गई है
दो एकड़ से कम खेत वाले किसानों से 2500 रुपये, पांच एकड़ तक के लिए 5000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक के लिए 15000 रुपये तक वसूले जाएंगे। इसके साथ ही, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकें।

इस सख्त निगरानी और कार्रवाई से प्रशासन का लक्ष्य है कि जिले में प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और पराली जलाने की परंपरा को समाप्त किया जा सके, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 

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