Kanpur News : सत्संग को श्मशान बनाने वाले बाबा का कानपुर के बिधनू में भी फैला है 6 एकड़ में साम्राज्य

UPT | कानपुर में भोले बाबा का आश्रम।

Jul 04, 2024 02:27

कानपुर भोले बाबा उर्फ़ साकार विश्व हरी का कानपुर से पुराना रिश्ता है, शुरुआत के दिनों में शहर के पुराने आयोजकों से आपसी विवाद के बाद रातों रात भाग खड़े हुए बाबा का कानपुर से मोह नहीं छूटा और 2018-19 में सजेती क्षेत्र में…

Kanpur News : कानपुर भोले बाबा उर्फ़ साकार विश्व हरी का कानपुर से पुराना रिश्ता है। शुरुआत के दिनों में शहर के पुराने आयोजकों से आपसी विवाद के बाद रातों रात भाग खड़े हुए बाबा का कानपुर से मोह नहीं छूटा और 2018-19 में सजेती क्षेत्र में सत्संग का कार्यक्रम रखा। जिसमें लाखों बाबा के भक्त मौजूद रहे और यहां पर सत्संग के दौरान जाम व अन्य समस्याएं आम बात थी। उसके बाद बाबा ने बिधनू के करसुई गॉव में करीब 14 बीघे (6 एकड़ ) में अपना विशाल आश्रम बनवाया जो शुरुआत में जमीनी विवाद में घिरा रहा।

आश्रम में सेवादार महिलाएं और पुरुष रहते हैं
बता दें कि कानपुर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर करसुई गांव में अधिकांशत: ओबीसी जाति के लोग रहते हैं और बाबा के भक्त की संख्या में ओबीसी व एससी वर्ग के ज्यादा लोग हैं। आश्रम में सेवादार महिलाएं और पुरुष रहते हैं। जो आश्रम में रहकर पूजा पाठ करने के साथ नि :शुल्क शारीरिक सेवा देते हैं। उन्होंने बताया कि आश्रम में रोजाना सुबह 11 बजे और शाम को सात बजे आरती होती है। जिसमें सेवादार के साथ आसपास गांव से कुछ भक्त आश्रम में पहुंचते हैं। करसुई का आश्रम आस पास के जिलों में  बाबा का अकेला आश्रम है। जिसके चलते यहां हर हफ्ते हजारों श्रद्धालु आते हैं। करसुई गांव निवासी विजय ने बताया कि आश्रम की देखरेख वह स्वयं करते हैं। कमेटी में वह संरक्षक के पद पर हैं। आश्रम के अध्यक्ष अनिल तोमर हैं। जो की घटना के बाद वापस आश्रम नहीं आए हैं। 

नौबस्ता निवासी मनीष सचान का आश्रम से जमीन विवाद चल रहा 
सूत्रों के अनुसार नौबस्ता निवासी मनीष सचान का आश्रम का जमीन विवाद चल रहा है। आरोप है, की मनीष सचान की जमीन पर आश्रम बनवा दिया गया। अब आश्रम के द्वारा उन्हें पीछे जमीन दी जा रही है। जिसको लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा है। विवाद कई बार थाने भी पहुंचा है और दो वर्ष पहले जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद मारपीट हुई थी जिस पर पुलिस द्वारा सुसंगत धाराओं पर कार्यवाही की गयी थी लेकिन जमीन का विवाद अभी हल नहीं हो पाया है।

आश्रम में दूर-दूर से लोग सेवा कार्य करने को आते हैं
आश्रम में मिले भक्तों ने बताया कि वो आश्रम में सेवा देने के लिए आये हैं हमीर पुर जिले के छानी विवार गांव निवासी कुसुम अपनी बहु आरती के साथ आश्रम में सेवा देने आयी थी। उन्होंने बताया प्रभु के चरणों में दो महीने में चार दिन आश्रम में आकर सेवा करती हैं। इससे उनके सभी काम पूरे होते हैं। इनके साथ घाटमपुर के नौरंगा निवासी विमला ने बताया कि आश्रम में जाने से मन से मन का मिलन होता है। और सत्य की खोज का रास्ता साकार विश्व हरी हैं।

आश्रम के पदाधिकारी व स्थानीय पुलिस का गहरा संबंध
करसुई गांव स्थित आश्रम के पदाधिकारी व स्थानीय पुलिस का गहरा साथ रहता है। सूत्रों की माने तो पूर्व में कई थाना प्रभारी व पुलिस कर्मियों का आश्रम से ही टिफिन जाता था जिस पर अगर ग्रामीणों से कोई विवाद हो तो पुलिस आश्रम के लोगों का पक्ष लेती थी। वहीं ग्रामीण अशोक ने बताया कि आश्रम के आगे से उनके खेत को जाने के लिए रास्ता है। जब आश्रम बना तो उन्हें लगा कि अब खेत में आने जाने के लिए रास्ता साफ सुथरा हो जायेगा। उन्हें क्या पता था कि आश्रम के सेवादार उन्हें वहां से निकलने नहीं देंगे। जब वह लोग अपने खेतों में जाने के लिए आश्रम के सामने से निकलते हैं। तो यहां पर अध्यक्ष उन्हें रोकते हैं, कई बार तो मारपीट के साथ थाना चौकी तक हो चुका है। लेकिन पुलिस आश्रम का पक्ष लेती है, जिसके चलते ग्रामीणों में डर का माहौल रहता है।

जहां ज्यादा भक्त नजर आये वहीं अपना आश्रम बना डाला
बाबा ज़ब मार्केट में नए नए आये और लोगों को सत्य की खोज के साथ ही खुद की ब्रह्मांड में जय जय कार कराने के लिए इंट्री मारी और तकरीबन दस से बीस हजार भक्तों का अलग -अलग जगह से समूह लेकर हर साल गल्लामंडी के एक गेस्टहॉउस में आते थे देखते ही देखते भीड़ बढ़ने लगी और बाबा के नुमाइंदे सत्संग स्थल पर चमत्कार का प्रचार करते इसी बीच कानपुर के आयोजकों में आपसी विवाद हुआ और बाबा को लगा कि उन्हें खतरा है तो वो नौ दो ग्यारह हो गये लेकिन इसी बीच बाबा ने अपने लाखों भक्त तैयार कर लिए थे और 2018-19 में बाबा ने सजेती थानाक्षेत्र अंतर्गत सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया और लाखों की भीड़ देख बाबा ने यहां जमीन तलाशनी शुरु की और जहां ज्यादा भक्त नजर आये वहीं अपना आश्रम बना डाला।

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