Kanpur News: हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया भाई दूज का त्यौहार, बहनों ने तिलक लगा कर की मंगल जीवन की कामना

UPT | भाई दूज का त्यौहार मनाती बहने

Nov 03, 2024 17:11

कानपुर सहित पूरे देश मे आज रविवार को भाई दूज का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ शहर में मनाया गया। सुबह से ही सड़को पर भाई दूज के त्यौहार को लेकर काफी चहल पहल दिखाई दी। शुभ मुहूर्त के दौरान बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाने के बाद उन्हें मिठाई खिलाई।

Kanpur News: कानपुर सहित पूरे देश मे आज रविवार को भाई दूज का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ शहर में मनाया गया। सुबह से ही सड़को पर भाई दूज के त्यौहार को लेकर काफी चहल पहल दिखाई दी। शुभ मुहूर्त के दौरान बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाने के बाद उन्हें मिठाई खिलाई। फिर आरती उतार कर उनकी दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं भाइयों ने बहनों से आशीर्वाद लेने के बाद उन्हें आकर्षक उपहार भेंट किए।

धूमधाम से मनाया गया भाई दूज का त्यौहार
शहर से लेकर गांव-गांव में भैया दूज का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। विवाहिता बहनों ने दूर-दूर से आकर मायके में भाइयों के साथ भैया दूज का पर्व मनाया। इस दौरान बाजारों में मिठाई की दुकानों में भी भारी भीड़ देखने को मिली। एक ओर जहां बहनों ने विभिन्न प्रकार की मिठाईयां खरीदीं तो दूसरी ओर भाइयों ने भी बहनों के लिए आकर्षक उपहार खरीदे। वही भाई दूज के त्यौहार की एक झलक कानपुर कारागार में भी देखने को मिली।जिला कारागार के बहार बहने भाई दूज मनाने के लिए पहुंची और लाइन लगाकर सभी ने एक एक करके जेल में बंद अपने भाइयों को तिलक लगा आरती कर भाई दूज मनाया।

भैया दूज मनाए जाने का कारण

भैया दूज मनाए जाने के पीछे पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। यमराज और यमुनाजी की कथा भाई दूज की सबसे लोकप्रिय कथा यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से जुड़ी है। कथा के अनुसार, यमराज अपनी बहन यमुनाजी से बहुत प्रेम करते थे, लेकिन अपने कार्यों की व्यस्तता के कारण वे उनसे मिलने नहीं आ पाते थे। यमुनाजी ने यमराज से आग्रह किया कि वे उनके घर आएं और भोजन करें, जिसे यमराज स्वीकार किया और उनसे मिलने पहुंचे। यमुनाजी ने अपने भाई यमराज का स्वागत किया, उन्हें तिलक लगाया और उनके दीर्घायु और सुरक्षा की प्रार्थना की। इस पर यमराज ने प्रसन्न होकर यमुनाजी को वरदान दिया कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे कभी अकाल मृत्यु का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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