69000 शिक्षक भर्ती : आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अधिकारियों से मिलकर हुए निराश, बोले- दो सितंबर को घेरेंगे मुख्यमंत्री आवास

UPT | इको गार्डन में धरने पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी।

Aug 28, 2024 00:20

यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा और संयुक्त निदेशक गणेश कुमार से मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बनी।

Lucknow News : यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का इको गार्डन में आठवें दिन भी प्रदर्शन जारी है। अभ्यर्थियों ने मंगलवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा और संयुक्त निदेशक गणेश कुमार से मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बनी। अधिकारियों से मिलकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी निराश हुए। इसके बाद अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री आवास घेराव करने का ऐलान कर दिया।

दो सितंबर को घेरेंगे मुख्यमंत्री आवास
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से लगातार धरने पर डटे हुए हैं। वे सभी मांग कर रहे है कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जो आदेश दिया उसका पालन किया जाए। अभ्यर्थी अवनीश कुमार ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के दोनों अधिकारियों के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था और न ही उनके पास कोई ठोस योजना है। यशवंत कुमार ने कहा कि अधिकारी ऐसा कोई रास्ता नहीं निकाल रहे जिससे वंचितों को नौकरी और जिनकी नौकरी लग चुकी है उनकी नौकरी की सुरक्षा की जा सके। असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने दो सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने की बात कही है।

आमने-सामने आ चुके हैं दोनों वर्ग के अभ्यर्थी 
आरक्षित और अनारक्षित अभ्यर्थी हाईकोर्ट के आदेश को लेकर आमने सामने आ चुके हैं। 22 अगस्त को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दे रहे थे कि अनारक्षित अभ्यर्थी भी वहां पहुंच गए। दोनों पक्ष आमने-सामने धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। किसी विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए पुलिस बीच में दीवार बनकर खड़ी रही। हालांकि, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से वार्ता में आश्वासन के बाद अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों इको गार्डन आ गए थे।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
69000 शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ द्वारा पूर्व में जारी की गई सूची रद्द करने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अनारक्षित वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित अभ्यर्थियों ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इससे पहले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस मामले में कैविएट दाखिल कर रखी है। 

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