69000 शिक्षक भर्ती : रात में उठाने के बाद अभ्यर्थियों ने बारिश में सुबह फिर किया प्रदर्शन, अखिलेश यादव ने चेताया

UPT | 69000 Teacher Recruitment Protest

Aug 21, 2024 23:49

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें अभी भी ये डर सता रहा है कि ये भर्ती प्रक्रिया फिर से कहीं अधर में न लटक जाए। हमारी काउंसिलिंग शेड्यूल एवं जिला आवंटन की मांग जब तक पूरी नहीं हो जाती, हम यहां से नहीं हटेंगे। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी हम लोगों को जितनी बार हटाएंगे, हम फिर अपनी मांगों को लेकर यहां पहुंच जाएंगे।

Lucknow News : 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है। मंगलवार रात अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर प्रदर्शन कर रहे इन अभ्यर्थियों को पुलिस ने मौके से हटाया। इसके बाद बुधवार सुबह ये एक बार फिर निशातगंज में बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंच गए और बाहर एकत्रित होकर प्रदर्शन करने लगे। बारिश के बावजूद ये लोग वहां से नहीं हटे और छाता व सिर पर पन्नी लगाकर 'आवाज दो हम एक हैं' के नारे लगाते रहे।

अभ्यर्थी काउंसिलिंग शेड्यूल व जिला आवंटन तक धरना प्रदर्शन जारी रखने पर अड़े
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें अभी भी ये डर सता रहा है कि ये भर्ती प्रक्रिया फिर से कहीं अधर में न लटक जाए। हमारी काउंसिलिंग शेड्यूल एवं जिला आवंटन की मांग जब तक पूरी नहीं हो जाती, हम यहां से नहीं हटेंगे। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी हम लोगों को जितनी बार हटाएंगे, हम फिर अपनी मांगों को लेकर यहां पहुंच जाएंगे। अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ के डबल बेंच से दिए गए फैसले का तत्काल पालन किए जाने मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार जल्द आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय देकर नियुक्ति पत्र प्रदान करे।

अभ्यर्थियों ने रात में मोबाइल की टॉर्च जलाकर किया प्रदर्शन
इससे पहले मंगलवार को सुबह से ही इन लोगों का प्रदर्शन जारी रहा। इसके बाद रात में अभ्यर्थियों ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर प्रदर्शन किया और देर रात तक मौके पर डटे रहे। बारिश से मौसम बिगड़ने की संभावना के मद्देनजर पुलिस ने सख्ती करते हुए इन सभी को बस से बादशाह नगर स्टेशन पहुंचाया। जहां अभ्यर्थी रात भर रहे। इसके बाद सुबह फिर सभी अभ्यर्थी धरनास्थल पर पहुंच गए और बारिश में भीगते हुए प्रदर्शन करते रहे। अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें शांतिपूर्ण धरना करने दिया जाए। अपनी मांगें पूरी होने तक वह यहीं डटे रहेंगे।
  तीन महीने तक इंतजार नहीं करना चाहते अभ्यर्थी
69000 शिक्षक भर्ती के मामले में योगी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट नहीं जाने का निर्णय किया है। इसके साथ ही शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। हाईकोर्ट से सरकार को तीन महीने का वक्त मिला है। हालांकि धरना देर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि ये काम जल्द से जल्द किया जाए। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जब तीन घंटे में कंप्यूटर से सूची बन सकती है तो सरकार तीन महीने का इंतजार क्यों कर रही है।

बांदा डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव बैंक का हवाला देकर अखिलेश हुए हमलावर
उधर इस प्रकरण को लेकर अखिलेश यादव ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने बुधवार को कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती कोर्ट से निरस्त होते ही बांदा डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव बैंक ने भर्ती हुए शिक्षकों से, बैंक से लिए गए किसी भी प्रकार के ऋण की वसूली का फरमान जारी कर दिया। इसके साथ ही आगे भी किसी भी प्रकार के लोन का रास्ता बंद करने की साजिश रची। उन्होंने कहा कि लेकिन, युवाओं के आक्रोश के आगे ये फरमान एक दिन भी टिक नहीं पाया और भाजपा सरकार को इसे भी रद्द करने का आदेश निकालना पड़ गया।

अखिलेश यादव बोले- मन से नहीं दबाव से काम कर रही सरकार
सपा अध्यक्ष ने कहा कि लेकिन याद रहे उत्तर प्रदश की भाजपा सरकार ये काम मन से नहीं दबाव से कर रही है। इसीलिए इस आदेश को पूरी तरह रद्द नहीं बल्कि कुछ समय के लिए स्थगित मानकर इसका भरपूर विरोध जारी रखना चाहिए। वैसे तात्कालिक रूप से ये युवा विरोधी भाजपा के विरूद्ध युवा-शक्ति की एकता की जीत है। उन्होंने कहा कि जिन भर्ती हुए शिक्षकों ने अपने घर-परिवार और बाकी सामान के लिए नौकरी की निरंतरता की उम्मीद पर कुछ लोन लिया था तो क्या अब ये सरकार उनके घरों और सामानों को कब्जे में लेने की साजिश कर रही है। ये निहायत शर्मनाक कृत्य है कि भाजपा परिवारों को दुख-दर्द देकर सत्ता की धौंस दिखाना चाहती है।

शिक्षक भर्ती मामले में सरकार की हुई फजीहत
सपा अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक भर्ती में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की बदनीयत की जिस तरह फजीहत हुई है, शायद उसका बदला वो अभ्यर्थियों से लेना चाहती थी। तभी ऐसे फरमान निकलवा रही है। इससे पहले से ही नौकरी खोने के डर से डरे हुए शिक्षकों पर अत्यधिक मानसिक दबाव बढ़ेगा। जब इन लोन की वसूली के लिए बैंक उनके घरों पर जाएगा तो उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचेगी। इसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे क्योंकि आर्थिक-सामाजिक-मानसिक रूप से प्रभावित शिक्षक का असर शिक्षण पर भी पड़ेगा, जिससे प्रदेश के बच्चों की शिक्षा और उनका भविष्य भी प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि इसका एक गहरा आघात भर्ती हुए उन शिक्षकों के जीवन पर भी पड़ेगा, जिन्होंने विवाह करके अपना नया-नया वैवाहिक जीवन शुरू किया था और अपने परिवार को पालन-पोषण इसी नौकरी के आधार पर कर रहे थे। वैवाहिक जीवन की जिम्मेदारी सिर्फ परिवार वाले ही जानते हैं। जनता और परिवारवालों को दुख देकर न जाने भाजपा को क्या सुख मिलता है।

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