एआई ने काम के तौर तरीके बदले : पूर्व आईपीएस अफसर और विधायक राजेश्वर सिंह ने आंकड़ों से समझाई अहमियत

UPT | एआई के इस्तेमाल पर जोर दिया।

Jul 05, 2024 01:41

पूर्व आईपीएस अफसर और भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह के मुताबिक एक अन्य अहम आंकड़े के मुताबिक 5-6 साल के अनुभव वाले एआई विशेषज्ञों को 40 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि मिलती है। जाहिर तौर पर अन्य लोग इतनी तेजी से कार्यक्षेत्र में उन्नति करने में काफी पिछड़ जाते हैं।

Short Highlights
  • भारतीय युवाओं ने तेजी से एआई को अपनाया
  • नौकरियों का स्वरूप बदलने के कारण एआई बना आज की अहम जरूरत
Lucknow  News : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आज के दौर में कार्यक्षेत्र में सबसे ज्यादा मददगार साबित हो रहा है। इसकी वजह से न सिर्फ काम की गुणवत्ता में सुधार आया है, बल्कि समय की भी बचत हो रही है। ऐसे में बड़ी कंपनियों से लेकर हर दफ्तर में इसके उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। पूर्व आईपीएस अफसर और लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा से भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने वर्किंग स्किल्स में सुधार के लिए एआई के इस्तेमाल पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि एआई काम के भविष्य को नया आकार दे रहा है। इसलिए इसके ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर ध्यान देना चाहिए।

एआई अपनाने में भारत अग्रणी
एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक भारत एआई की दौड़ में पूरी दुनिया में पहले स्थान पर है। भारत दुनिया के उन चुंनिदा बड़े देशों में शामिल है, जो एआई अपनाने और इनोवेशन में अग्रणी हैं। विधायक राजेश्वर सिंह ने गुरुवार को एआई के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर कई आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि भारत एआई अपनाने में अग्रणी है। माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन 2024 वर्क ट्रेंड इंडेक्स दिखाता है कि कैसे भारत तेजी से एआई को अपना रहा है। इसके प्रयोग में चंद वर्षों में तेजी से इजाफा हुआ है। हर छोटे बड़े कार्यालयों और संस्थानों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। 

92 प्रतिशत कर्मचारी प्रतिदिन कर रहे एआई का इस्तेमाल 
राजेश्वर सिंह ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 92 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी प्रतिदिन एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि इसका वैश्विक औसत 75 प्रतिशत है। इस तरह भारत का रिकॉर्ड कहीं ज्यादा बेहतर है। 72 प्रतिशत लोग अपने एआई टूल्स का इस्तेमाल करते हैं, जबकि वैश्विक औसत 78 प्रतिशत है। इसी तरह 75 प्रतिशत नियोक्ता नए कर्मचारियों में एआई  कौशल को प्राथमिकता देते हैं। उनका मानना है कि ऐसे कर्मचारियों से बेहतर तरीके से गुणवत्तापूर्वक काम लिया जा सकता है। भारत के मुकाबले दुनिया में इसका औसत 66 प्रतिशत है। 

एआई विशेषज्ञों के सैलरी में जल्दी इजाफा 
राजेश्वर सिंह के मुताबिक एक अन्य अहम आंकड़े के मुताबिक 5-6 साल के अनुभव वाले एआई विशेषज्ञों को 40 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि मिलती है। जाहिर तौर पर अन्य लोग इतनी तेजी से कार्यक्षेत्र में उन्नति करने में काफी पिछड़ जाते हैं। ऐसे में एआई का इस्तेमाल, इसका ज्ञान आर्थिक रूप से भी लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। यही वजह है कि पिछले वर्ष एआई विशेषज्ञता की मांग में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 91 प्रतिश लोगों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए एआई बेहद आवश्यक है, लेकिन 54 प्रतिशत के पास एआई क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट योजना का अभाव है। ऐसे में वह बेहतर तरीके से इस दिशा में काम नहीं कर पा रहे हैं। 

पांच वर्षों में आठ करोड़ नौकरियों का बदल जाएगा स्वरूप 
मार्केटिंग डेटा और एनालिटिक्स फर्म की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 10 में से 9 इंटरनेट उपयोगकर्ता पहले से ही एआई का उपयोग कर रहे हैं। राजेश्वर सिंह के मुताबिक वास्तव में एआई की वजह से काम के नए तौर तरीके सामने आए हैं। इससे भविष्य के बेहतर होने का रास्ता बना है। विश्व में नौकरियां अपना स्वरूप बदल रही हैं। आगामी पांच वर्षों में वर्तमान की करीब आठ करोड़ नौकरियों का स्वरूप बदल जाएगा। इस दौरान डिजिटल स्किल्स से जुड़े करीब 9.5 करोड़ अवसर भी सृजित होंगे। इनमें एआई की अहम भूमिका होगी।

एआई मिशन लॉन्च होने से मिलेगा लाभ
यही वजह है कि भारत सरकार ने हाल ही में 'भारत एआई मिशन' की घोषणा की है। इसके अंतर्गत दो से तीन महीनों में 10,000 करोड़ रुपए का भारत एआई मिशन लॉन्च करेगा। देश की तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यह मिशन शुरू किया जा रहा है, जिसमें इतना भारी भरकम निवेश किया जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य भारत को एआई के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनाना है। मिशन के तहत देशभर में एआई के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उच्च स्तरीय संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साझेदारी की जाएगी। उत्तर प्रदेश में इसका बड़े पैमाने पर छात्र-छात्राओं और युवाओं को लाभ मिलेगा। 

एआई मिशन में काम और मिलने वाले लाभ
  • मिशन के अंतर्गत नए नवाचारों और स्टार्टअप्स को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने आइडियाज को हकीकत में बदल सकें।
  • एआई के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए युवाओं और पेशेवरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और ऑनलाइन कोर्स की शुरुआत की जाएगी।
  • एआई मिशन देश को वैश्विक एआई हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और परिवहन जैसे क्षेत्रों में एआई के उपयोग से सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा। इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
  • एआई के उपयोग में नैतिकता और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त नीति बनाई जाएगी। इससे एआई के उपयोग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी।
  • एआई का उपयोग विभिन्न उद्योगों में उत्पादनशीलता बढ़ाने, लागत घटाने और नई नौकरियों के सृजन में सहायक होगा। इससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

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