जहां 14 जिलों में एमडीए अभियान चलाया जाएगा, वहीं अन्य जिलों में फाइलेरिया से प्रभावित रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की जाएगी और प्रभावित अंग को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही हाइड्रोसील के ऑपरेशन और नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से फाइलेरिया की स्थिति की जांच की जाएगी।