बाघ ने अब आवासीय इलाकों को बनाया ठिकाना : मूवमेंट वाले इलाके में स्कूल-कॉलेज बंद, ऑनलाइन पढ़ाई का आदेश

UPT | लखनऊ में बाघ की दहशत से स्कूल बंद

Jan 16, 2025 17:14

ताजा जानकारी के अनुसार, रहमानखेड़ा स्थित उपोष्ण संस्थान के जंगल से बाघ ने अब आवासीय इलाकों को अपना नया ठिकाना बना लिया है। वन विभाग ने हाल ही में मीठेनगर और बेहता नाला के आसपास बाघ के पगचिह्न पाए हैं।

Lucknow News : शहर के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ का आतंक बरकरार है। वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद गुरुवार को भी बाघ पकड़ में नहीं आ सका। उसकी गतिविधियों की भारी भरकम टीमों को खबर नहीं लगी। इस बीच बाघ के 14वें शिकार के बाद स्थानीय लोग बेहद दहशत में हैं। उनकी खेती किसानी प्रभावित हो रही है तो सबसे ज्यादा बच्चों को लेकर वह डरे हुए हैं। इलाके में बाघ की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश जारी किया है। इन इलाकों में पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से कराई जाएगी।

इन इलाकों में स्कूल-कॉलेज किए गए बंद
जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार, बाघ के आतंक से प्रभावित गांवों जैसे साहिलामऊ, उलरापुर, मीठेनगर, दुगौली, कटौल, खालिसपुर, अमेठिया सलेमपुर, बहेलिया, रहमतगंज, मोहम्मद नगर तालुकेदारी, किठाई पारा, फतेहनगर, धनेवा और कनार में सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गई है। वहीं वन विभाग ने बाघ को सुरक्षित पकड़ने के लिए व्यापक रणनीति बनाई है। रहमानखेड़ा और आसपास के गांवों में बाघ की मौजूदगी को देखते हुए प्रभागीय वन अधिकारी मोहनलालगंज के नेतृत्व में पेट्रोलिंग टीम बनाई गई है। संभावित स्थलों पर ट्रैपिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे, थर्मल ड्रोन और तीन मचान लगाए गए हैं।



बाघ ने जंगल छोड़ ग्रामीण क्षेत्रों को बनाया ठिकाना, जोन-2 में मिले बाघ के पगचिह्न
ताजा जानकारी के अनुसार, रहमानखेड़ा स्थित उपोष्ण संस्थान के जंगल से बाघ ने अब आवासीय इलाकों को अपना नया ठिकाना बना लिया है। वन विभाग ने हाल ही में मीठेनगर और बेहता नाला के आसपास बाघ के पगचिह्न पाए हैं। अधिकारियों के अनुसार, बाघ दिन के समय छिपा रहता है और रात में सक्रिय होता है। वन विभाग के प्रभागीय निदेशक डॉ. सितांशु पांडेय के अनुसार, जोन-2 में बाघ के पगचिह्न पाए गए हैं। मीठे नगर के जंगल में शिकार बांधकर दो ट्रैप कैमरे और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस अभियान का नेतृत्व अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह कर रही हैं।

बाघ की तलाश में नौ टीमें 40 दिन सें जुटी
वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए दो प्रशिक्षित हथिनियों डायना और सुलोचना के जरिए मीठे नगर और उलरापुर गांव में पेट्रोलिंग कर रही है। बाघ की खोज में वन विभाग के 70 कर्मचारी और 9 टीमें पिछले 40 दिनों से सक्रिय हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बाघ अब रहमानखेड़ा से निकलकर मीठे नगर, हलुवापुर और मंडौली गांव के जंगलों में सक्रिय है। बाघ बेहता नाला स्थित असाड़ा कुंड से पानी पीता है और शिकार के बाद यहीं रुकता है। वन विभाग ने इस क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। वन विभाग ने बाघ को ट्रैंकुलाइज करने और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना बनाई है। इस अभियान के लिए आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

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