यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने कार्यभार संभाला : अपर्णा यादव की नाराजगी पर कही ये बात

UPT | यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान पदभार ग्रहण करने के दौरान

Sep 06, 2024 17:42

बबीता सिंह चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज बहुत सुरक्षित हाथों में है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। जितना काम हमारी सरकारों ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया। उन्होंने यूपी में महिला अपराध की घटनाओं को लेकर कहा कि हमारा कानून बहुत सख्त है। बेहत सख्त तरीके से कार्रवाई भी होती है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने शुक्रवार को अपना पदभार ग्रहण किया। इस मौके पर उन्होंने महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम करने की बात कही और इस जिम्मेदारी को दिए जाने पर सरकार व संगठन का आभार जताया। बबीता चौहान ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि महिलाओं को न्याय मिले और लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निस्तारण हो। वहीं अपर्णा यादव के अब तक उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं संभालने को उनकी नाराजगी से जोड़ने पर उन्होंने इसकी जानकारी से इनकार कर दिया। बबीता यादव ने उनसे बातचीत करने की भी हामी भरी।

महिला सशक्तीकरण के लिए करेंगे काम
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने के बाद उत्तर प्रदेश टाइम्स से बातचीत में कहा कि जहां भी महिलाओं को हमारी जरूरत हो, हम वहां उनके साथ खड़े नजर जाएंगे। चाहे महिलाओं की शिक्षा का मामला हो, स्वास्थ्य की बात हो या फिर सुरक्षा का विषय, राज्य महिला आयोग की पूरी टीम उनके साथ होगी। महिला सशक्तीकरण के लिए ही काम करने को मैं यहां आई हूं। उन्होंने कहा कि साथ ही इस बात की पूरी कोशिश की जाएगी कि लंबित फाइलों को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाए।



महिला हिंसा के लिए विकृत मानसिकता जिम्मेदार, सख्ती से करेंगे काम
बबीता सिंह चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज बहुत सुरक्षित हाथों में है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। जितना काम हमारी सरकारों ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया। उन्होंने यूपी में महिला अपराध की घटनाओं को लेकर कहा कि हमारा कानून बहुत सख्त है। बेहत सख्त तरीके से कार्रवाई भी होती है। महिला अपराध और उत्पीड़न की घटनाओं को विकृत मानसिकता वाले लोग अंजाम देते हैं। उन्हे ऐसे कृत्य करते वक्त याद नहीं रहता कि कानून भी है और कानून जब अपना काम करेगा तो उनको कितनी सख्त कार्रवाई से गुजरना होगा। बबीता चौहान ने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष होने के नाते वह महिला उत्पीड़न और हिंसा के मामलों को व्यक्तिगत तौर पर देखेंगी।

अपर्णा यादव की नाराजगी की जानकारी नहीं
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में अपर्णा यादव को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन, अभी तक उन्होंने अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है। इसे अपर्णा यादव की नाराजगी से जोड़ा जा रहा है। इस बार बबीता चौहान ने कहा कि इस तरह की बात उनके संज्ञान में नहीं है और ऐसा नहीं है क्योंकि कुछ सदस्यों ने गुरुवार को काम संभाला, कुछ आज जिम्मेदारी संभाल रही हैं और कुछ शनिवार को भी अपने वक्त और मुहूर्त के हिसाब से पदभार ग्रहण करेंगी। उन्होंने अपर्णा यादव से बातचीत को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि मैं देखूंगी और उनका इंतजार करूंगी। अभी वक्त है। उनके पदभार नहीं ग्रहण करने को लेकर पता किया जाएगा। वहीं दूसरी उपाध्यक्ष चारू चौधरी अपना पदभार पहले ही ग्रहण कर चुकी हैं।

बेबी रानी मौर्य की टिप्पणी से उठे सवाल
उधर कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने अपर्णा यादव की नाराजगी को लेकर कहा कि अभी तक उनकी इस बारे में कोई बात नहीं हुई। अपर्णा यादव पद लेंगी या नहीं लेंगी ये उनका निजी फैसला है। अपर्णा यादव के भाजपा छोड़ने की अटकलों पर बेबी रानी मौर्य ने कहा कि वह क्यों भाजपा में आई थीं और क्यों जा रही हैं, इसके बारे में अपर्णा यादव ही बता पाएंगी। मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती। अपर्णा यादव की बुधवार को शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात के बाद कई तरह की चर्चा हैं। कहा जा रहा है कि वह अपने पद से संतुष्ट नहीं हैं और विकल्प तलाश रही हैं। इस बीच अखिलेश यादव की सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी को भी इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि अपर्णा यादव की नाराजगी को देखते हुए ही अखिलेश यादव ने ये प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

अखिलेश यादव ने किया अपर्णा यादव का समर्थन!
सपा अध्यक्ष ने कहा कि '46 में 56' का हास्यास्पद और अपुष्ट दावा करने वाले, ऊपर से लेकर नीचे तक सभी प्रमुख पदों पर '100 में 100' अपने ही लोग बैठाए हुए हैं। क्या वो अपने से इतर 'औरों' को इन पदों के लिए योग्य नहीं समझते हैं या फिर सिर पर लटकी हुई दिल्ली की तलवार की वजह से किसी को विश्वास योग्य नहीं समझते हैं। भाजपा अंदरूनी अविश्वास का शिकार है। पदस्थापना, कार्रवाई, निर्णय और आदेश का आधार न्याय होना चाहिए, जाति नहीं। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने इस टिप्पणी के जरिए अपर्णा यादव की नाराजगी का समर्थन किया है।

विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा यादव ने बदला था पाला
अपर्णा यादव वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गई थीं। तब उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद अब उन्हें महिला आयोग में उपध्यक्ष बनाया गया है, जिसे लेकर वह नाराज हैं। अपर्णा यादव विधानसभा चुनाव 2017 में लखनऊ पूर्व से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं, उन्हें भाजपा उम्मीदवार डॉ. रीता बहुगुणा जोशी से हार का सामना करना पड़ा था।

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