अहम बात है कि न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से ध्वस्तीकरण पर रोक नहीं लगाई है। हालांकि अदालत ने ये भी कहा कि उसके पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि उत्तर प्रदेश सरकार ध्वस्तीकरण पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करेगी। वहीं खंडपीठ ने एक एसोसिएशन की ओर से जनहित याचिका दायर करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसी याचिकाओं के दूरगामी परिणाम होंगे।