हाथरस सत्संग में भगदड़ : मायावती बोलीं- 'बाबाओं के पाखंड में न आएं', 121 मौतों पर जताया दुख

UPT | भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग

Jul 06, 2024 16:49

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की तरफ से न सिर्फ हाथरस की घटना पर दुख जताया गया है, बल्कि भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कई गई है।

Short Highlights
  • भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग
  • मायावती ने हादसे पर जताया दुख
  • दोषियों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने कहा
Lucknow News : हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से ही जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग हो रही थी। लेकिन किसी भी राजनीतिक पार्टी की तरफ से बाबा के खिलाफ एक शब्द तक नहीं निकल रहा था। लेकिन अब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की तरफ से न सिर्फ घटना पर दुख जताया गया है, बल्कि भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कई गई है।

मायावती ने हादसे पर जताया दुख
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के खिलाफ अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। मायावती ने लिखा- 'देश में गरीबों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए, यही सलाह। बल्कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे काण्डों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिन्ताजनक।'
 
भोले बाबा के खिलाफ एक्शन की मांग
मायावती ने आगे लिखा- 'हाथरस काण्ड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गंवानी पडे़।' आपको बता दें कि मायावती पहली राजनीतिक शख्सियत हैं, जिन्होंने भोले बाबा के खिलाफ कोई बयान दिया है। दूसरी किसी राजनीतिक पार्टी ने अब तक बाबा के खिलाफ एक शब्द तक नहीं कहा है।

भोले बाबा पर पार्टियां चुप क्यों?
इसकी वजह भी बाबा का प्रभुत्व ही है। बाबा सूरज पाल खुद जाटव समाज से आता है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के करीब 50 लाख से ज्यादा दलित बाबा के आश्रम से जुड़े हैं। इन इलाकों में लोकसभा की 27 और विधानसभा की 137 सीटें आती हैं। बाबा के भक्तों में ओबीसी समाज के भी लोग हैं। सिर्फ पश्चिम यूपी ही नहीं, मध्य यूपी के साथ-साथ हरिय़ाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड के लोग भी बाबा के प्रवचन सुनने पहुंचते हैं। जिस हाथरस में ये हादसा हुआ, वहां भी 3 लाख दलित वोटर हैं। यही वजह है कि हादसे के बाद भी कोई पॉलिटिकल पार्टी बाबा का नाम लेने तक को तैयार नहीं है।

5 स्टार होटल जैसा बाबा का आश्रम
मैनपुरी के बिछुआ स्थित 21 बीघे में फैला आश्रम बाबा का लगभग परमानेंट ठिकाना है। ये आश्रम किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं है। इस आश्रम की कीमत 4 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। आश्रम में केवल बाबा के रहने के लिए 6 बड़े-बड़े कमरे बनाए गए हैं। इन कमरों में बाबा के अलावा किसी और को जोने की इजाजत नहीं है। बाहर की तरफ 6 अन्य कमरे बने हुए हैं, जो कमेटी के सदस्यों और सेवादारों के लिए हैं। गेट के अंदर बड़ा सा मैदान है। इसी में एक जगह टीनशेड लगाकर खाना बनाया जाता है। बाबा के आश्रम तक आने के लिए एक प्राइवेट रोड भी है।

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