सर्दियों में बदला भगवान का खान-पान : मां चंद्रिका देवी को पंचमेवा के लड्डू, हनुमानजी को मक्के की रोटी-साग का भोग

UPT | चंद्रिका देवी मंदिर और पक्का पुल लेटे हनुमानजी

Jan 03, 2025 11:41

बीकेटी स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर में सर्दियों के अनुरूप भोग में गाजर का हलवा, सूखा मेवा, पंचमेवा और मेवे के लड्डू चढ़ाए जा रहे हैं। मां को गरम मसाले से तैयार विभिन्न सब्जियां भोग में दी जा रही हैं।

Lucknow News : मौसम का पारा गिरते ही जहां लोगों ने अपने खानपान में बदलाव शुरू कर दिया है और शरीर को गर्म रखने वाली चीजों का सेवन किया जा रहा है। वहीं भगवान के भोग में भी बदलाव हो चुका है। जनवरी की कड़कड़ाती ठंड में भगवान को गर्म खाद्य पदार्थ भोग स्वरूप दिए जा रहे हैं, ताकि उन्हें ठंड से बचाया जा सके। शहर के विभिन्न मंदिरों में इस मौसम के अनुसार भगवान के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं, जिसमें गरम भोजन और ऊनी वस्त्र शामिल हैं।

मां पूर्वी देवी को गुड़ और रेवड़ी का भोग
ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी मंदिर में सर्दियों के चलते भोग में बदलाव किया गया है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, मां को गजक, रेवड़ी, तिल के लड्डू, गुड़ और गरम हल्दी वाला दूध भोग में चढ़ाया जा रहा है। मंदिर में ठंड से बचाव के लिए खिड़कियों और पर्दों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि ठंडी हवा अंदर न आए।



मां चंद्रिका देवी को गरम मसालों से बने व्यंजन
बीकेटी स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर में सर्दियों के अनुरूप भोग में गाजर का हलवा, सूखा मेवा, पंचमेवा और मेवे के लड्डू चढ़ाए जा रहे हैं। पुजारी ने बताया कि मां को गरम मसाले से तैयार विभिन्न सब्जियां भोग में दी जा रही हैं। ठंड से बचाने के लिए मां को ऊनी शॉल ओढ़ाई जा रही है और पूजा के बाद कपाट बंद कर दिए जाते हैं ताकि ठंडी हवा अंदर न पहुंचे।

हनुमान जी को मक्के की रोटी और बाजरे की खिचड़ी
पक्का पुल स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर में, भगवान को मक्के की रोटी, सरसों का साग, बाजरे की खिचड़ी और गुड़ से बने पकवान का भोग दिया जा रहा है। भगवान को सर्दी से बचाने के लिए कश्मीरी रजाई और ऊनी कंबल ओढ़ाए जा रहे हैं। हर दिन भगवान के वस्त्र बदले जा रहे हैं ताकि वे ठंड से सुरक्षित रहें।

गरम भोजन और ऊनी वस्त्र से भगवान का ख्याल
शहर के विभिन्न मंदिरों में देवी-देवताओं के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हर मंदिर में भोग सामग्री को बदलते मौसम के अनुसार तैयार किया जा रहा है। ठंड से बचाव के लिए भगवान को मोटे ऊनी वस्त्र, रजाई और गरम कपड़े पहनाए जा रहे हैं। मंदिरों में देवी-देवताओं के लिए सर्दियों में गरम खाद्य पदार्थ परोसने की परंपरा वर्षों पुरानी है। यह माना जाता है कि ठंड के मौसम में भगवान को ऐसा भोग दिया जाना चाहिए जो उन्हें ऊर्जावान और स्वस्थ रखे। इन बदलावों से भक्तों को भी यह संदेश मिलता है कि मौसम के अनुसार भोजन और वस्त्र का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है।

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