UPPCL : स्मार्ट प्रीपेड के बजाय लगा दिए पांच लाख पोस्टपेड मीटर, आज तक नहीं हुआ सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर साइबर सिक्योरिटी टेस्ट

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Jan 04, 2025 19:16

उपभोक्ताओं ने कहा कि बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियों ने वहां के ऊर्जा प्रमुख एक आईएएस अधिकारी को मर्सिडीज कार गिफ्ट में दी थी। बिहार वाली कुछ मीटर कंपनियां इनमें से उत्तर प्रदेश में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही हैं। ऐसे में शक होना लाजमी है।

Lucknow News : प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों की तमाम शिकायतों के बावजूद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अफसरों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। भारत सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन करने को लेकर इनके खिलाफ विद्युत नियामक आयोग तक से शिकायत की जा चुकी है। इसके अलावा प्रबंधन को कई बार उपभोक्ताओं के साथ की जा रही धोखाधड़ी से भी अवगत कराया जा चुका है। बावजूद इसके कंपनियों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया, उलटा उनके साथ दरियादिली की जा रही है।   

निजी घरानों को अफसरों की शह!
उपभोक्ता परिषद के वेबिनार में शनिवार को इस मुद्दे पर उपभोक्ताओं ने खुलकर अपनी राय रखी। प्रदेश के अनेक जनपदों से जुड़े विद्युत उपभोक्ताओं ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन व बिजली कंपनियां पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण की प्रक्रिया में मशगूल पावर कारपोरेशन के अफसरों का ध्यान स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर नहीं है। देश के बड़े निजी घराने धड़ल्ले से प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगा रहे हैं। इनमें कई बार चेताने के बावजूद सभी निर्माता कंपनियों ने 5 प्रतिशत या 25000 से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर नियमों का पालन नहीं किया। जो जरूरी टेस्टिंग के आधार पर मीटर की क्वालिटी का खुलासा होना चाहिए, उस पर कोई भी कार्रवाई पूरी नहीं की गई।



चीनी निर्मित कंपोनेंट वाले मीटर लगाने के बावजूद यूपीपीसीएल खामोश
उपभोक्ताओं ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है प्रदेश में बड़े पैमाने पर चीनी निर्मित कंपोनेंट वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लग रहे हैं। लेकिन, पावर कारपोरेशन प्रबंधन चुपचाप तमाशा देख रहा है। वेबिनार में जुड़े उपभोक्ताओं ने कहा कि पावर कारपोरेशन के अफसरों की बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रहे निजी घरानों के साथ साठगांठ का खुलासा होना बहुत जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

बिहार में सामने आ चुका है भ्रष्टाचार, यूपी में इस वजह से शक
उपभोक्ताओं ने कहा कि बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियों ने वहां के ऊर्जा प्रमुख एक आईएएस अधिकारी को मर्सिडीज कार गिफ्ट में दी थी। बिहार वाली कुछ मीटर कंपनियां इनमें से उत्तर प्रदेश में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही हैं। ऐसे में शक होना लाजमी है।

एक के बाद एक मामलों में यूपीपीसीएल की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों व पावर कारपोरेशन जिस प्रकार से स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनियों के साथ दरियादिली दिखा रहा है, उससे पूरी तरह सिद्ध होता है कि दाल में कुछ तो काला है।  प्रदेश में पांच लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग गए और वह सभी पोस्टपेड मोड में लगाए गए हैंं। ये अपने आप में गंभीर मामला है। चाहे वह 5 प्रतिशत चेक मीटर लगाने का मामला हो, चेक मीटर व पुराने मीटर की रीडिंग मिलान का मामला हो, पूर्व में जीटीपी अनुमोदन की बात हो। या फिर परफॉर्मेंस बैंक गारंटी काम किए जाने का मामला हो, इनकी जांच बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी टेस्टिंग एसएटी एफईईटी के मामले में भी जिस प्रकार से केवल उद्योगपतियों का सपोर्ट किया जा रहा है, उससे ऐसा लग रह है कि उच्चाधिकारी भी मीटर निर्माता कंपनियों को संरक्षण दे रहे हैं। ऐसे में उच्च स्तरीय जांच से ही सच उजागर हो सकता है।

सरकार को भुगतनी पड़ेगी उपभोक्ताओं की नाराजगी
वेबिनार में शामिल विद्युत उपभोक्ताओं ने कहा कि जिस प्रकार से पावर कारपोरेशन स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों को छूट दे रहा है, उससे आने वाले समय में उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल होना तय है। उपभोक्ताओं के घर में लगने वाले मीटर रूपी तराजू की क्वालिटी यदि नहीं सही होगी, तो निश्चित तौर पर उपभोक्ताओं के गुस्से का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। इससे पहले देश में 80 फीसदी स्मार्ट प्रीपेड मीटर के कंपोनेंट चीन निर्मित होने का खुलासा हो चुका है।

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