यूपी में सात सालों में 12 हजार एनकाउंटर : 210 कुख्यात बदमाश मुठभेड़ में ढेर, 1601 अपराधी घायल, 27 हजार से ज्यादा गिरफ्तार

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Dec 25, 2024 17:48

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 2017 में सत्ता में आने के बाद अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 2017 में सत्ता में आने के बाद अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। योगी सरकार के सात सालों में प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ 12 हजार से ज्यादा मुठभेड़ें हुईं, जिनमें 210 से ज्यादा कुख्यात अपराधी मारे गए, जबकि हजारों अपराधी घायल होकर पुलिस के शिकंजे में आए। इन मुठभेड़ों में 17 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए। इसके अलावा, 27 हजार से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के इस अभियान को लेकर विपक्षी पार्टियों के आरोपों के बावजूद यूपी पुलिस की कार्रवाई पर कोई सवाल नहीं उठे हैं, क्योंकि सभी मुठभेड़ों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन किया गया।

मेरठ जोन में सबसे ज्यादा मुठभेड़
उत्तर प्रदेश पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2017 से लेकर 5 सितंबर 2023 तक 12 हजार से ज्यादा मुठभेड़ों का आंकड़ा दर्ज किया गया है। इन मुठभेड़ों में 27 हजार से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार किए गए और 1601 अपराधी घायल हुए हैं। पुलिस ने इन मुठभेड़ों के दौरान कड़ी कार्रवाई की और अपराधियों के खिलाफ अभियान को तेज किया। मेरठ जोन में सबसे ज्यादा मुठभेड़ें हुईं, जहां करीब 3723 मुठभेड़ों में 66 अपराधी मारे गए और 7000 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इन मुठभेड़ों में पुलिस ने सभी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किया, ताकि किसी प्रकार की कानूनी उलझन का सामना न करना पड़े।



उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे चर्चित एनकाउंटर

विकास दुबे एनकाउंटर
3 जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस टीम पर हमला कर आठ पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले विकास दुबे को 9 जुलाई 2020 को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया। पुलिस उसे लेकर कानपुर वापस आ रही थी, तभी भौंती में उसका एनकाउंटर कर दिया गया। विकास दुबे पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था।

गौरी यादव एनकाउंटर
बुंदेलखंड में 20 साल तक आतंक का पर्याय रहे गौरी यादव को 30 अक्टूबर 2021 को चित्रकूट में एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। गौरी यादव पर पांच लाख रुपये का इनाम था और वह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती था।

कमल का एनकाउंटर
जुलाई 2019 में संभल में कोर्ट में पेशी पर आए तीन बदमाशों को छुड़ाने के लिए पुलिस टीम पर हमला किया गया था, जिसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इनमें से एक बदमाश कमल को पुलिस ने अमरोहा में घेर लिया और मुठभेड़ में उसे मार गिराया।

शिवशक्ति नायडू एनकाउंटर
मेरठ जिले के कंकरखेड़ा में पुलिस ने 11 जिलों में 22 मामलों में वांछित कुख्यात अपराधी शिवशक्ति नायडू को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। वह एक हाईवे से कार चुराकर भाग गया था और पुलिस ने उसे घेर लिया।

मनीष सिंह उर्फ सोनू का एनकाउंटर
वाराणसी और आसपास के जिलों में आतंक मचाने वाले मनीष सिंह उर्फ सोनू को अप्रैल 2021 में एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। मनीष सिंह एनडी तिवारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी था और उस पर दो लाख रुपये का इनाम था।

मंसूर पहलवान और आदित्य राणा का एनकाउंटर
मंसूर पहलवान को कुख्यात काला मुकीम गिरोह से जुड़ी डकैती और लूट के मामलों में वांछित था। 2017 में यूपी में सरकार बनने के बाद मंसूर पहलवान पहला अपराधी था, जिसे पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। आदित्य राणा को भी पुलिस ने पिछले साल अप्रैल में एनकाउंटर में मार गिराया था।

असद अहमद और गुलाम का एनकाउंटर
कुख्यात गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके साथी गुलाम को एसटीएफ ने 13 अप्रैल 2023 को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में एनकाउंटर में मार गिराया था।

मंगेश यादव और अनुज सिंह का एनकाउंटर
मंगेश यादव, जो सुल्तानपुर डकैती कांड में शामिल था, को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद, इसी साल सितंबर में अनुज सिंह को भी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया।

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