बच्चों और युवाओं के पास बदलाव लाने की ताकत : डॉ. जकारी बोले- बाल अधिकार चैंपियन बनें युवा

UPT | कार्यक्रम का शुभरंभ करते यूनिसेफ यूपी प्रमुख डॉ जकारी ऐडम व अन्य।

Nov 18, 2024 00:12

संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते के 35 और यूनिसेफ के भारत में 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को एक कार्यक्रम हुआ।

Lucknow News : संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते के 35 और यूनिसेफ के भारत में 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को एक कार्यक्रम हुआ। यूनिसेफ यूपी प्रमुख डॉ जकारी ऐडम, सुप्रीम कोर्ट की ऐडवोकेट मानवी शर्मा, प्रोजेक्ट 100 के चीफ मुकेश और ममता चौहान ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य बच्चों की आवाज को बढ़ावा देना और युवाओं को बाल अधिकार चैंपियन बनने के लिए प्रेरित करना था। इसमें बाल संस्थान के बच्चे शामिल रहे। यह आयोजन यूनिसेफ की ओर से इंस्टीट्यूट ऑफ आनथराप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट उप्र (आईईडी यूपी) और चिल्ड्रेन्स होप फॉर एक्शन एंड बेटर इम्पैक्ट यूथ ऐडवोकेसी नेटवर्क के सहयोग से किया गया। 

बच्चे बदलाव के एजेंट बनें
इस दौरान डॉ. जकारी ने कहा कि बच्चों और युवाओं के पास बदलाव लाने की शक्ति है। उन्हें समाधान का हिस्सा बनना होगा। युवा बाल अधिकार के विषयों को समझ कर बदलाव के एजेंट और बाल अधिकार के चैंपियन बन सकते हैं। डॉ जकारी ने 20 नवंबर को मनाए जाने वाले विश्व बाल दिवस की बधाई दी और बच्चों से संवाद किया। 



बड़े जरूर सुने बच्चों की बात
यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने कहा कि इस बार विश्व बाल दिवस की थीम 'भविष्य की बात सुनें' है। इसका उद्देश्य वयस्कों को बच्चों की बात सुनने और उनकी राय का सम्मान करने के लिए के लिए प्रेरित करना है। इससे बच्चों के आत्म-अभिव्यक्ति के अधिकार का सम्मान होगा और उनके बेहतर दुनिया के लिए विचारों को समझा जा सकेगा। 

इम्पैक्ट चेलेंज के विजेता हुए सम्मानित
एडवोकेट मानवी शर्मा ने कहा बच्चों को अपने अधिकारों को जानना चाहिए। ताकि वह उनकी मांग कर सकें। सत्र के दौरान मुकेश ने कहा कि युवाओं को अपनी बात आसान भाषा में कह कर दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान चिल्ड्रेनस होप फॉर ऐक्शन एण्ड बेटर इम्पैक्ट यूथ ऐडवोकेसी नेटवर्क एवं यूनिसेफ द्वारा आयोजित यूथ इम्पैक्ट चेलेंज 2.0 के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।

Also Read