मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक्शन : बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर पांच जिलों के दस अफसरों से जवाब-तलब

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Jul 12, 2024 00:31

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ संबंधी कार्यों और क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों से स्पष्टीकरण तलब किया है।

Short Highlights
  • लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में देना होगा स्पष्टीकरण 
  • सीएम योगी ने लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकनगर और बलिया के अधिकारियों से तलब किया स्पष्टीकरण 
Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों और क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों से स्पष्टीकरण तलब किया है। इन अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। 

मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना ले रहें अपडेट
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने और क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा। 

पांच एडीएम एफआर और 5 आपदा विशेषज्ञ से जवाब तलब
राहत आयुक्त ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम एफआर राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम एफआर त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम एफआर सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गयी है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम एफआर नितीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम एफआर देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पियुष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गयी है। 

संतोषजनक जवाब न मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई
राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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