चौक डिवीजन बिजली उपकेंद्र पर संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन : वेतन भुगतान में देरी से हैं नाराज, दिवाली पर घर में रहा अंधेरा

UPT | चौक डिवीजन बिजली उपकेंद्र पर संविदा कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

Nov 04, 2024 18:00

बिजली कर्मचारियों ने वेतन भुगतान में देरी के कारण प्रदर्शन किया। चौक डिवीजन स्थित बिजली उपकेंद्र पर नाराज कर्मचारी एकत्रित हुए और अपनी समस्याओं को लेकर विरोध जताया। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है।

Lucknow News : संविदा पर कार्यरत बिजली कर्मचारियों ने वेतन भुगतान में देरी को लेकर प्रदर्शन किया। चौक डिवीजन स्थित बिजली उपकेंद्र पर नाराज कर्मचारी एकत्रित हुए और अपनी समस्याओं को लेकर विरोध जताया। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। जिससे दिवाली जैसे पर्व पर भी उनके घरों में अंधेरा रहा। चौक क्षेत्र के घंटाघर, नादान महल, मेहताब बाग, विक्टोरिया पावर हाउस और मेडिकल कॉलेज के पांच बिजली उपकेंद्रों के कर्मचारी शामिल थे।

दिवाली पर घर में रहा अंधेरा
प्रदर्शन में शामिल मनोज विश्वकर्मा ने कहा कि यह उनके लिए कठिन समय है। क्योंकि दिवाली पर घर में खुशियां मनाने की बजाय वेतन के इंतजार में उनके घर में अंधेरा है। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले दो महीने से वेतन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। दिवाली से पहले वेतन मिलने का आश्वासन भी दिया गया था पर उसे पूरा नहीं किया गया, जिसके कारण लगभग डेढ़ सौ कर्मचारी त्योहार मनाने से वंचित रह गए।



निजी कंपनी के माध्यम से संविदा पर थे कर्मचारी  
कर्मचारियों ने बताया कि पहले अवनी परिधि नाम की कंपनी के माध्यम से वे काम कर रहे थे, जो अब बंद हो गई है। नई कंपनी ने उन्हें अपने दस्तावेज जमा करने को कहा है और वेतन भुगतान पर चर्चा का आश्वासन दिया है। इस नई व्यवस्था के अनुसार हर बिजली उपकेंद्र से कुछ कर्मचारियों को हटाने की बात कही जा रही है। जिससे कर्मचारी असंतुष्ट हैं। प्रदर्शनकारी चेतावनी दे रहे हैं कि यदि उनके साथी कर्मचारियों को निकाला गया तो वे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे।

अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार 
कर्मचारियों ने मांग की कि विभाग उनका बकाया वेतन जल्द से जल्द जारी करे। कई कर्मचारी 1998 से बिजली विभाग में सेवाए दे रहे हैं, और उनका कहना है कि इससे पहले कभी त्योहारों के समय वेतन में ऐसी देरी नहीं हुई थी। ठेकेदारी प्रथा लागू होने के बाद से उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, और जब तक वेतन का भुगतान नहीं होगा, वे अनिश्चितकालीन धरना और कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे।

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