साहिबजादा दिवस : सिख गुरुओं की प्रेरणा से बढ़ेंगे तो काबुल-बांग्लादेश होने से बच पाएंगे, सीएम योगी ने दी नसीहत

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ वीर बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में संबांधित करते हुए

Dec 26, 2024 16:51

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की इस जुझारू व समृद्ध कौम ने सामर्थ्य, पुरुषार्थ व परिश्रम से मिसाल पेश की है। कभी बड़ी संख्या में फौज में जाकर सिखों ने भारत की सुरक्षा के लिए खुद को समर्पित किया। लेकिन वे कौन दुश्मन हैं, जो उनके परिश्रम व पुरुषार्थ को कुंद करने की साजिश कर रहे हैं।

Lucknow News :  हमें यह देखना होगा कि कौन वह लोग हैं, जो युवा पीढ़ी को रक्त की चपेट में लाने की कोशिश कर रहे हैं। कौन वो लोग हैं जो सिख और हिंदू को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। सिख-और हिंदू एक दूसरे के पूरक हैं, जो इन्हें लड़ाते हैं, उनसे बचना होगा। ये बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के मौके पर कही। इस दौरान ऐतिहासिक समागम व 11,000 सहज पाठ का भी शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने गुरु तेग बहादुर के श्लोकों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया।

सिखों के परिश्रम पुरुषार्थ को कुंद करने की चल रही साजिश
पीलीभीत में खालिस्तान समर्थक तीन आतंकियों के दो दिन पहले यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मारे जाने के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ का ये संबोधन बेहद अहम माना जा रहा है। उन्होंने ने कहा कि देश की इस जुझारू व समृद्ध कौम ने सामर्थ्य, पुरुषार्थ व परिश्रम से मिसाल पेश की है। कभी बड़ी संख्या में फौज में जाकर सिखों ने भारत की सुरक्षा के लिए खुद को समर्पित किया। लेकिन वे कौन दुश्मन हैं, जो उनके परिश्रम व पुरुषार्थ को कुंद करने की साजिश कर रहे हैं। युवा पीढ़ी को ड्रग की चपेट में लाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि इन्हें पहचानने और उनसे सावधान रहने की जरूरत है। सिख-हिंदू एक दूसरे के पूरक हैं, जो इन्हें लड़ाते हैं, उनसे बचना होगा।



सिख गुरुओं के आदर्श हमें आगे बढ़ने की देंगे ऊर्जा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखों ने विषम परिस्थितियों में लड़ते हुए न केवल अपनी परंपरा को सुरक्षित-संरक्षित रखा, बल्कि देश व धर्म के लिए भी बलिदान देकर नई प्रेरणा प्रदान की। इनकी परंपरा काफी समृद्ध है। इनका एक तरफ इनका गौरवशाली इतिहास है तो दूसरी तरफ सुनते हैं कि काबुल में सिखों के दो, चार-दस परिवार ही बचे हैं। जब बांग्लादेश की घटना व पाकिस्तान के अंदर अत्याचार के बारे में सुनते हैं, तब सिख गुरुओं के त्याग-बलिदान का स्मरण होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं के आदर्श हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा देंगे। उस प्रेरणा से आगे बढ़ेंगे, तब काबुल-बांग्लादेश होने से बच पाएंगे, तब किसी ननकाना साहिब के लिए आंदोलन-संघर्ष की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि वह हमें स्वतस्फूर्त भाव से प्राप्त होगा।

गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को किया नमन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2019 में गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर मुख्यमंत्री आवास पर शबद-कीर्तन कार्यक्रम हुआ था। इसके बाद वर्ष 2020 से लगातार वीर बाल दिवस का आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर हो रहा है। अब यह पूरे देश का आयोजन हो गया है। आज की तिथि पर गुरु गोबिंद सिंह के दो साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह-फतेह सिंह वजीर खां के हाथों दीवार में चुने गए थे। चमकौर के युद्ध में दो बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह-जुझार सिंह शहादत को प्राप्त हुए। मां गुजरी इसे बहुत अधिक समय तक बर्दाश्त नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा कि इन लोगों पर उस समय क्या बीता होगा, यह दर्द कोई महसूस नहीं कर सकता, फिर भी एक ही लक्ष्य था कि देश व धर्म पर आंच नहीं आने देंगे।

गुरु नानक देव ने सबसे पहले किया बाबर के अत्याचार का विरोध
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख पंथ की शुरुआत ही देश व धर्म के लिए हुए थी। गुरु नानक देव ने सबसे पहले बाबर के अत्याचार का विरोध किया था। लाहौर में गुरु अर्जुन देव का बलिदान जहांगीर के अत्याचार से बचाने के लिए था। गुरु तेग बहादुर ने अपना शीश दे दिया। लेकिन, भारत का शीश नहीं झुकने दिया, इसलिए आज कश्मीर भारत का हिस्सा और शीश बना हुआ है। गुरु नानक देव से लेकर गुरु गोविंद सिंह महाराज, चार साहिबजादों से लेकर पंच प्यारों तक, सिख गुरुओं का इतिहास देश व धर्म के लिए शहादत का इतिहास है। यह केवल कौम का नहीं, देश का इतिहास है।
 
लखनऊ में एतिहासिक गुरुद्वारे का होगा सुंदरीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी वर्ष है। लखनऊ का सौभाग्य है कि गुरु तेग बहादुर गुरु गोबिंद सिंह को लेकर यहां आए थे। इस ऐतिहासिक परंपरा को मजबूती देने के लिए नगर निगम के साथ बैठकर सुंदरीकरण की विस्तृत कार्ययोजना बननी चाहिए। धनराशि हम उपलब्ध कराएंगे। लेकिन, एक-दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी नहीं डालें। राज्य सरकार, नगर निगम, विकास प्राधिकरण की जमीन में हाईरॉइज बिल्डिंग या मॉल बनाकर दुकानदारों का पुनर्वास करें। ऐतिहासिक परंपरा से जुड़े गुरुद्वारे का सुंदरीकरण होना चाहिए।
 

Also Read