लखनऊ एयरपोर्ट पर फ्लाइट की क्रैश लैंडिंग : रनवे पर उतरते ही आग लगी, सभी यात्री सुरक्षित, मॉक ड्रिल में परखा गया इमरजेंसी सिस्टम

UPT | लखनऊ एयरपोर्ट पर मॉक ड्रिल का दृश्य

Nov 27, 2024 22:48

इस मॉकड्रिल में जैसे ही विमान में आग लगने की सूचना मिली, एयरपोर्ट के क्रैश फायर टेंडर्स तुरंत मौके पर पहुंचे। आग बुझाने के बाद यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दौरान एयरपोर्ट प्रशासन और जिला प्रशासन ने तेजी से आपसी तालमेल बनाते हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

Lucknow News : कोलकाता से लखनऊ आ रही फ्लाइट के दोनों इंजन फेल हो जाते हैं। रनवे पर लैंडिंग के तुरंत बाद विमान टैक्सी-वे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और आग लग जाती है। विमान में 101 यात्री सवार थे। ऐसी आपात स्थिति में एजेंसियां तत्काल बचाव अभियान शुरू करती हैं और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालती हैं।

कई टीमों ने लिया हिस्सा
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बुधवार को SAHAS 2024 कार्यक्रम के तहत कुछ तरह मॉकड्रिल आयोजित की गई। इस अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में विभिन्न एजेंसियों की तत्परता और समन्वय का आकलन करना था। मॉकड्रिल में वायुसेना, एसडीआरएफ, यूपी पुलिस, अग्निशमन विभाग और कई अन्य संस्थानों ने भाग लिया।



फ्लाइट में आग लगने की स्थिति का अभ्यास
इस मॉकड्रिल में जैसे ही विमान में आग लगने की सूचना मिली, एयरपोर्ट के क्रैश फायर टेंडर्स तुरंत मौके पर पहुंचे। आग बुझाने के बाद यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दौरान एयरपोर्ट प्रशासन और जिला प्रशासन ने तेजी से आपसी तालमेल बनाते हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

आपात स्थिति मेें परखा गया तालमेल
अभ्यास में एयरोड्रम रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग (ARFF), एप्रन कंट्रोल, सीआईएसएफ, भारतीय वायुसेना, एसडीआरएफ, एटीसी, डीजीसीए, और स्थानीय अस्पतालों सहित कई एजेंसियां शामिल रहीं। यह देखा गया कि आपात स्थिति में सभी विभाग किस प्रकार से तालमेल के साथ काम करते हैं।

एक घंटे से अधिक समय तक चली मॉक ड्रिल 
मॉक ड्रिल करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली। इसमें सभी प्रक्रियाओं का बारीकी से निरीक्षण किया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी एजेंसी अपने कार्य में देरी न करे और सुरक्षा प्राथमिकताओं का पालन किया जाए। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह जांचना था कि अगर भविष्य में कोई वास्तविक आपातकालीन स्थिति होती है, तो इससे निपटने में एजेंसियां कितनी सक्षम हैं। इस दौरान तकनीकी उपकरणों, बचाव संसाधनों और मानवीय क्षमताओं का गहन मूल्यांकन किया गया। ड्रिल के दौरान वायुसेना, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, और यूपी पुलिस के बीच बेहतरीन समन्वय देखने को मिला। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों और विमान की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

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