न्यायिक प्रक्रिया का आधार 'साक्ष्य' होना चाहिए 'स्वप्न' नहीं : अखिलेश यादव ने क्यों कही ये बात, सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई की मांग

UPT | Akhilesh Yadav

Nov 27, 2024 18:57

अखिलेश यादव ने कहा कि बार एसोसिएशन से उम्मीद है कि वो भी इस पर दंडात्मक-अनुशासनात्मक कार्रवाई करे। इस मामले में अधिवक्ता संघों को भी आगे आना चाहिए क्योंकि अगर लोगों का विश्वास न्याय से उठ गया तो फिर कोई इंसाफ की उम्मीद में उनके पास नहीं जाएगा।

Lucknow News :  समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा के बीच वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के एक इंटरव्यू को लेकर निशाना साधा है। इस इंटरव्यू में हरिशंकर जैन सपने में वहां हिंदू मंदिर दिखाई देने को लेकर अपनी बात कर रहे हैं। संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। इस दावे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और ऐतिहासिक साक्ष्यों से जोड़ने की कोशिश की गई है। इसके सर्वे के दौरान हुई हिंसा में लोगों की मौत हो गई। इस मामले को लेकर जारी सियासत के बीच अब हरिशंकर जैन के इंटरव्यू के बाद सपा और ज्यादा हमलावर हो गई है। 

स्वप्न पर आधारित सर्वे कराने वालों पर हो कार्रवाई
अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का आधार 'साक्ष्य' होना चाहिए; 'स्वप्न' नहीं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय संभल हादसे के लिए जिम्मेदार सभी लोगों और स्वप्न पर आधारित सर्वे कराने वालों और उससे जुड़े अधिवक्ताओं के खिलाफ ऐसी दंडात्मक कार्रवाई करे कि इस देश का अमन-चैन छीननेवाले नकारात्मक तत्व फिर कभी सिर न उठा सकें। 



बार एसोसिएशन से भी आगे आने की अपील
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बार एसोसिएशन से उम्मीद है कि वो भी इस पर दंडात्मक-अनुशासनात्मक कार्रवाई करे। इस मामले में अधिवक्ता संघों को भी आगे आना चाहिए क्योंकि अगर लोगों का विश्वास न्याय से उठ गया तो फिर कोई इंसाफ की उम्मीद में उनके पास नहीं जाएगा। इस बात से एक पेशेवर होने के नाते सबसे ज्यादा नुकसान अधिवक्ताओं को ही होगा। ये उनके पेशे के सम्मान का भी विषय है और उनके जीवनयापन का भी। 

भाजपा पर दंगे फसाद का खेल खेलने का आरोप
इसके अलावा पार्टी के मीडिया सेल की ओर भी इस वीडियो को लेकर तंज कसा गया। इसमें कहा गया कि
संभल में हुए विवाद की मूल जड़ वकील हरिशंकर जैन और इनके पुत्र विष्णुशंकर जैन हैं। इन्हें आगे करके भाजपा दंगे फसाद का खेल खेल रही है। संभल मस्जिद विवाद को जानबूझकर कैसे विवादित बनकर दंगे फसाद की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है, ये इस हरिशंकर जैन के बयान से समझा जा सकता है। मीडिया सेल की ओर से कहा गया कि हरिशंकर जैन को सपना आया और इन्होंने मस्जिद के मंदिर होने का दावा कोर्ट में ठोक दिया। कोर्ट के जज आदित्य सिंह ने तुरंत सर्वे का आदेश दे दिया, लाव लश्कर के साथ उन्मादी नारे लगाते हुए ये लोग सर्वे के लिए पहुंचे और भाजपाइयों ने मस्जिद में खुदाई की अफवाह फैला दी और परिणामस्वरूप जो हुआ वो सबके सामने है। पार्टी ने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेते हुए देश में किसी अप्रिय घटना को घटित होने से रोकना होगा। पार्टी ने संभल विवाद की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों को सजा देने की मांग की।

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