एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ की ठगी: साइबर टीम ने सात आरोपी दबोचे, गुजरात का है मास्टरमाइंड

UPT | cyber thugs

Jun 18, 2024 16:42

साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के बीच एकेटीयू इसका ताजा शिकार बना। साइबर अपराधियों ने एकेटीयू के बैंक खाते में सेंध लगा दी और 120 करोड़ रुपए एक अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए।

Short Highlights
  • फर्जी मेल आईडी बनाकर जालसाजों ने फ्रॉड को दिया अंजाम 
  • गैंग के मास्टरमाइंड ने खुद को बताया एकेटीयू का चीफ अकाउंट ऑफिसर 
Lucknow News: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के खाते से 120 करोड़ की धनराशि एक ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया और बैंक से संपर्क के बाद मामले को लेकर साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद टीम ने सुराग जुटाते हुए गिरोह के सात सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की। लखनऊ साइबर टीम के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में दो गुजरात के अहमदाबाद और सूरत से हैं, जबकि पांच उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के रहने वाले हैं। इनसे और ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है।

12 जून को दर्ज कराई गई एफआईआर 
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के बीच एकेटीयू इसका ताजा शिकार बना। साइबर अपराधियों ने एकेटीयू के बैंक खाते में सेंध लगा दी और 120 करोड़ रुपए एक अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जानकारी होते ही प्रकरण में 12 जून को एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें बताया गया कि विश्वविद्यालय का यूनियन बैंक में खाता है, जिसके 120 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है। इसके बाद साइबर टीम अपराधियों का पता लगाने में जुट गई।

इस तरह बनाया शिकार
हजरतगंज के बापू भवन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के मैनेजर अनुज सक्सेना की ओर से साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक विगत 3 जून को वह हिमाचल प्रदेश के मनाली में गर्मी की छुट्टियां मनाने गए हुए थे। इस दौरान उनके पास डॉक्टर शैलेश कुमार रघुवंशी नाम के व्यक्ति का फोन आया। उसने 100 करोड़ की एफडी के लिए ऑफर लेटर की मांग की. बैंक में इतनी बड़ी एफडी की बात सुनकर  अनुज सक्सेना ने रघुवंशी को बैंक भेज दिया। इस बीच उनके पास एक अन्य व्यक्ति जय कुमार उर्फ एनके सिंह ने फोन किया। उसने खुद को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ का वित्त अधिकारी बताया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खाता खोलने से संबंधित जानकारी मांगी। इस पर अनुज सक्सेना ने उसे भी ब्रांच में जाने को कहा। अगले दिन जय कुमार का एक आदमी ब्रांच आया और वहां एफडी का ऑफर लेटर लेकर चला गया। इसके बाद उसने यूनियन बैंक की फर्जी मेल आईडी बनाई और उससे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की मेल आईडी पर एफडी का ऑफर लेटर भेज दिया। उसने अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की एक फर्जी मेल आईडी बनाकर बैंक की आधिकारिक मेल आईडी पर एक और ऑफर लेटर की मांग भी की।

बैंक चेक के जरिए किया गया खेल
बैंक मैनेजर के मुताबिक इसके बाद 5 जून को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अधिकृत बैंक खाते से यूनियन बैंक के खाते में 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। इसी दिन खुद को यूनिवर्सिटी का वित्त अधिकारी बताने वाले जय कुमार का आदमी अनुराग श्रीवास्तव बैंक आया। उसने खुद को मुख्य खाता अधिकारी बताते हुए यूनिवर्सिटी के कुछ फर्जी कागजात के आधार पर यूनिवर्सिटी के नाम से एक अकाउंट खुलवाया। इसके साथ ही उसने तत्काल एक चेक बुक भी जारी करवा ली। इसके बाद कई चरणों में पूरे 120 करोड़ रुपए गुजरात की श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में खाते ट्रांसफर किए गए। बाद में मामला संदिग्ध लगने पर बैंक मैनेजर अनुज सक्सेना ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।

अहमदाबाद के चैरिटेबल ट्रस्ट में ट्रांसफर की धनराशि
साइबर टीम को जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि गुजरात में एक ट्रस्ट के खाते में एकेटीयू की पूरी रकम ट्रांसफर की गई है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एकेटीयू की फर्जी मेल आईडी बनाकर जालसाजों ने इस तरह बड़े फ्रॉड को अंजाम दिया। गैंग के मास्टरमाइंड ने खुद को एकेटीयू का चीफ अकाउंट ऑफिसर बताया और विश्वविद्यालय के नाम का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का बचत खाता खुलवाया। उसने खुद इसके जरिए ट्रांजैक्शन किया। एकेटीयू के खाते से आई 120 करोड़ की रकम को अहमदाबाद की श्री श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में ट्रांसफर करवाया गया। मामले के खुलासे के लिए तीन टीमें गठित की गईं, जिन्होंने कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया। टीम ने सूरत से मास्टरमाइंड को दबोचा और फिर एक के बाद एक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही 119 करोड़ रुपए की रिकवरी भी की। अपराधी सिर्फ एक करोड़ रुपये ही खर्च कर पाए थे। पकड़े गए शातिरों से और जानकारी जुटाई जा रही है।

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