उपभोक्ता परिषद ने यह भी सवाल उठाया कि ग्रामीण उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली क्यों नहीं दी जा रही है, जबकि कंज्यूमर राइट रूल 2020 उन्हें यह अधिकार देता है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 18 घंटे बिजली दी जा रही है और आठ उत्पादन इकाइयों को बंद रखा गया है। इन उत्पादन इकाइयों के फिक्स्ड कॉस्ट की भरपाई अंततः उपभोक्ताओं को करनी पड़ेगी।