डिप्टी सीएम ने दिए सख्त आदेश : अब अस्पतालों में नहीं रूक सकेंगे तीमारदार, इस कार्ड की पड़ेगी जरूरत...

सोशल मीडिया | डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

Aug 30, 2024 22:59

कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई अमानवीय घटना के बाद उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने...

Lucknow News : कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई अमानवीय घटना के बाद उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में केवल मरीजों और उनके तीमारदारों को ही रात में प्रवेश की अनुमति हो। ऐसे अन्य व्यक्तियों जो बिना किसी मरीज के रात बिताने आते है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अस्पतालों में रात के समय सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी विशेष निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि कोई असामाजिक तत्व अस्पताल परिसर में घुसने की कोशिश न कर सके।

तीमारदारों के लिए जारी किए जाएं प्रवेश पत्र 
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अस्पतालों में सुरक्षा के लिहाज से कई महत्वपूर्ण कदम उठाने के निर्देश दिए है। उन्होंने निर्देशित किया है कि वार्ड, आईसीयू, और इमरजेंसी वार्ड में तीमारदारों के लिए प्रवेश पत्र जारी किए जाएं। इसके अलावा, रात्रि में महिला चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए। अस्पताल परिसर, आवासीय क्षेत्रों और हॉस्टलों में उचित प्रकाश व्यवस्था का आदेश भी दिया गया है, ताकि अंधेरे का फायदा उठाने की संभावना कम हो सके।

अस्पतालों में स्थापित किए जाएं  24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम 
रात के समय अस्पताल परिसर की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए औचक निरीक्षण और नियमित पूछताछ का निर्देश दिया गया है। डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि अस्पतालों में 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं और आवश्यक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाए। सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त सेना के जवानों को भर्ती किया जाएगा। अस्पताल परिसर की सुरक्षा को लेकर पुलिस थाने के साथ नियमित संवाद और समन्वय बनाए रखने पर भी जोर दिया गया है।

अस्पतालों में आंतरिक यौन उत्पीड़न समिति का गठन अनिवार्य 
डिप्टी सीएम ने कहा कि सभी कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत अस्पतालों में आंतरिक यौन उत्पीड़न समिति का गठन अनिवार्य किया जाए। सीसीटीवी कैमरों की समय-समय पर जांच करने और यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। कहा कि सभी कैमरे काम कर रहे हों और उनकी संख्या पर्याप्त हो, इसकी जांच होती रहनी चाहिए। ठेका और आउटसोर्सिंग स्टाफ का पुलिस सत्यापन भी अनिवार्य किया गया है। अगर अस्पताल परिसर में किसी डॉक्टर या कर्मचारी के साथ हिंसा होती है, तो एफआईआर अस्पताल द्वारा दर्ज कराई जाएगी। इसे संस्थागत एफआईआर कहा जाएगा।

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