यूपी में विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने की कवायद : अब तक इतने शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा

UPT | लर्निंग बाई डूइंग कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अधिकारी

Nov 09, 2024 19:48

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि यह पहल प्रदेश के विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी शिक्षा को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्मा ने शिक्षकों से अपील की कि वे इस प्रशिक्षण का उपयोग अपने विद्यालयों में कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए करें।

Short Highlights
  • प्रदेश के 2402 शिक्षकों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
  • महानिदेशक कंचन वर्मा बोलीं- प्रदेश के विद्यार्थियों का भविष्य तय करेगी यह पहल
Lucknow News : प्रदेश सरकार ने उच्च प्राथमिक, कंपोजिट और पीएम श्री विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल शुरू की है। इस परियोजना के तहत चयनित 2402 शिक्षकों में से तीसरे और चौथे बैच के लगभग 200 शिक्षकों का प्रशिक्षण शनिवार को संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण 'लर्निंग बाई डूइंग' के सिद्धांत पर आधारित है और इसका आयोजन लखनऊ के दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में किया जा रहा है।

डीजी स्कूल शिक्षा का मार्गदर्शन
समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहल प्रदेश के विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी शिक्षा को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्मा ने शिक्षकों से अपील की कि वे इस प्रशिक्षण का उपयोग अपने विद्यालयों में कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए करें।



वरिष्ठ विशेषज्ञों का सहयोग और मार्गदर्शन
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भी प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवर्धन किया। इनमें वरिष्ठ विशेषज्ञ माधवजी तिवारी, अपर निदेशक बी.डी. चौधरी, डॉ. फैजान इनाम, और रंजीत सिंह शामिल थे। इन अधिकारियों ने 'लर्निंग बाई डूइंग' की सराहना करते हुए इसे शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। उनका कहना था कि इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों में व्यावसायिक कौशल का विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

प्रशिक्षण की व्यापकता और उद्देश्य
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को विज्ञान और गणित जैसे विषयों में दक्ष बनाना और उन्हें कौशल केंद्र आधारित शिक्षा देने के लिए तैयार करना है। इस पहल में 1772 उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों, 570 पीएम श्री विद्यालयों, और 60 पायलट प्रोजेक्ट से चयनित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत चलाया जा रहा है और प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

विद्यालयों को कौशल केंद्र में बदलने की ओर अहम कदम
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के नेतृत्व में इसे प्रदेश के विद्यालयों को कौशल केंद्र में बदलने की ओर अहम कदम है। बताया जा रहा है। इसके जरिए शिक्षा व्यवस्था को व्यावसायिक रूप से उन्नत करने और विद्यार्थियों को बेहतर भविष्य देने में मदद मिलेगी।

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