यूपी में फलों-सब्जियों की खेती से मिलेगा रोजगार और पोषण सुरक्षा : 73 जिलों में हाईटेक पौधशालाएं बनाने की कवायद

UPT | High Tech Nurseries

Sep 18, 2024 14:11

मनरेगा योजना के तहत अब तक 36 हाईटेक पौधशालाओं का निर्माण पूरा हो चुका है। वहीं 16 और पौधशालाएं जल्द ही तैयार की जाएंगी। इन पौधशालाओं में पौधों को नियंत्रित तापमान और नमी में तैयार किया जाएगा, जिससे वे स्वस्थ और रोगमुक्त रहेंगे। इन पौधों से तैयार फसलें गुणवत्ता में बेहतर होंगी।

Short Highlights
  • हाईटेक पौधशालाओं में वाजिब दाम पर मिलेंगे उच्च गुणवत्ता के पौधे
  • अब तक तैयार हो चुकी हैं 36 हाइटेक पौधशालाएं
Lucknow News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फलों और सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए एक नई पहल की है। इस योजना के तहत राज्यभर में हाईटेक पौधशालाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे किसानों को बेहतर गुणवत्ता के पौधे मिल सकें और उपज बढ़ाई जा सके। इस कदम से फलों और सब्जियों की उत्पादकता बढ़ने के साथ ही उनकी गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

73 जिलों में बनेगी पौधशालाएं
सरकार की योजना के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और गाजियाबाद को छोड़कर राज्य के सभी 73 जनपदों में हाईटेक पौधशालाएं स्थापित की जाएंगी। इन पौधशालाओं में जिले के कृषि जलवायु के अनुसार, वहां की भूमि और जलवायु के लिए उपयुक्त फलों और सब्जियों की प्रजातियों का चयन किया जाएगा। यह काम कृषि विज्ञान केंद्र और उद्यान विभाग के सहयोग से किया जाएगा।

अब तक 36 पौधशालाएं तैयार, 16 जल्द शुरू होंगी
मनरेगा योजना के तहत अब तक 36 हाईटेक पौधशालाओं का निर्माण पूरा हो चुका है और 16 और पौधशालाएं जल्द ही तैयार की जाएंगी। इन पौधशालाओं में पौधों को नियंत्रित तापमान और नमी में तैयार किया जाएगा, जिससे वे स्वस्थ और रोगमुक्त रहेंगे। इन पौधों से तैयार फसलें गुणवत्ता में बेहतर होंगी और उनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

फलों और सब्जियों से रोजगार और पोषण सुरक्षा
फलों और सब्जियों की खेती से न केवल किसानों को रोजगार मिलेगा, बल्कि इससे राज्य की पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। विटामिन और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां पोषण के दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यह पहल न केवल रोजगार सृजन करेगी, बल्कि स्थानीय और वैश्विक स्तर पर फलों और सब्जियों के निर्यात की संभावनाओं को भी बढ़ाएगी।

निर्यात और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर
योगी सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दे रही है। राज्य में एक्सप्रेसवे, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और जलमार्गों के नेटवर्क से निर्यात में वृद्धि की संभावना है। एक्सप्रेस वे के निर्माण में इजाफा होने के साथ जेवर, अयोध्या और कुशीनगर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और प्रयागराज से बाया वाराणसी पश्चिमी बंगाल के हल्दिया तक का देश का इकलौता जलमार्ग इस दिशा में काफी अहम है। आने वाले समय में जलमार्ग का विस्तार अयोध्या तक करने की योजना है। गोरखपुर, दादरी सहित 13 जिलों में बनाए जा रहे कार्गो हब से भी कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। योगी सरकार का दावा है कि यह नई पहल किसानों की आय बढ़ाने और राज्य के कृषि विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली साबित होगी।

उद्यानिकी के लिए उत्तर प्रदेश की जलवायु अनुकूल
उत्तर प्रदेश की जलवायु विविधता और सिंचित भूमि की अधिकता इसे फलों और सब्जियों की खेती के लिए आदर्श बनाती है। राज्य की 77 प्रतिशत भूमि खेती योग्य है और यहां खेती योग्य भूमि का करीब 85 प्रतिशत सिंचित है। कृषि के लिए आवश्यक सभी संसाधन उपलब्ध हैं, जिससे यह क्षेत्र अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।

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