यूपी में एक अक्टूबर से चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान घर-घर जाएंगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता    

UPT | यूपी में एक अक्टूबर से चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान

Sep 19, 2024 14:35

प्रदेश में संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए फिर संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की जाएगी। यह अभियान एक से 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसके अलावा 11 से 31 अक्टूबर तक प्रदेश में दस्तक अभियान भी चलाया जाएगा।

Short Highlights
  • 11 से 31 अक्टूबर तक चलेगा दस्तक अभियान
  • 11 विभाग प्रदेश भर में अभियान को बनाएंगे सफल
Lucknow News : प्रदेश में संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए फिर संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की जाएगी। यह अभियान एक से 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसके अलावा 11 से 31 अक्टूबर तक प्रदेश में दस्तक अभियान भी चलाया जाएगा। वर्ष-2024 के तीसरे चरण के संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान को कार्ययोजना तैयार कर संचालित किया जाएगा। अभियान को स्वास्थ्य विभाग समेत 11 अन्य विभाग आपसी समन्वय से संचालित करेंगे। सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को उन जगहों की सूचना दें जहां मच्छर पनपते हैं।   

गतिविधियों के साथ ही जागरूकता पर फोकस 
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी नगर आयुक्तों, जल संस्थान के महाप्रबंधकों और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारियों को कार्ययोजना को अमल में लाने का निर्देश दिया है। सभी नगर निकायों को संचारी रोग नियंत्रण अभियान का माइक्रोप्लान मुख्य चिकित्साधिकारी को 29 सितंबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा है कि नगरीय निकायों के अधिकारी और कार्मिक दिमागी बुखार समेत अन्य वेक्टर जनित रोगों, जलजनित रोगों की रोकथाम और साफ-सफाई के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संवेदीकरण कराए। शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई हाई रिस्क क्षेत्रों की सूची में शमिल स्थानों पर सघन वेक्टर नियंत्रण और संवेदीकरण गतिविधियां शामिल है। 



घर-घर जाकर सफाई के प्रति जागरूक करेंगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता
प्रदेश के सभी जिलों में 11 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान भी चलेगा। इसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर साफ-सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार, इंफ़्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), फाइलेरिया, काला जार, कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों, कुपोषित बच्चों का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण ई–कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी। साथ ही क्षेत्रवार घरों की सूची जहां मच्छरों का प्रजनन पाया गया है, इसका विवरण निर्धारित प्रपत्र पर भरकर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएंगी। स्वास्थ्य विभाग समेत 11 अन्य विभागों के संयुक्त प्रयास से संचारी और दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ग्राम्य विकास विभाग/पंचायती राज विकास विभाग, नगर विकास विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सूचना जनसम्पर्क विभाग तथा उद्यान विभाग शामिल है। स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग की भूमिका में होगा।

आभा आईडी भी बनेगी
अभियान के दौरान जिलों में आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा आईडी) भी बनाई जाएगी। इससे मरीजों के उपचार करने में सुविधा रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के पास यह भी जानकारी रहेगी कि मरीज का किस बीमारी का कब इलाज हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ अभियान की लगातार मानीटरिंग करेंगे। किस विभाग ने क्या और कितना काम किया, इस पर भी निगाह रखी जाएगी।

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