हरदोई अधिवक्ता हत्याकांड : पूरा गिरोह रासुका के तहत निरुद्ध होगा, योगी ने विधानसभा में लिया था बीरे यादव का नाम

UPT | अधिवक्ता हत्याकांड

Aug 04, 2024 13:18

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में अधिवक्ता हत्याकांड को लेकर वीरेंद्र यादव बीरे का नाम लेते हुए सपा पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने कहा कि हरदोई में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई। बीरे उर्फ वीरेंद्र यादव समाजवादी पार्टी का पूर्व जिला अध्यक्ष है। अब देखो किस प्रकार के व्यक्ति को आप जिला अध्यक्ष बना रहे हैं। इस पर कोई ऐसी धारा नहीं है जो ना लगी हो।

Short Highlights
  • कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड में पुलिस ने तेज की फरार आरोपियों को पकड़ने की कवायद
  • हत्याकांड से गुस्साए वकीलों ने की आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग
Hardoi News : हरदोई सिटी को दहला देने वाले सीनियर क्रिमिनल काउंसिल कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड का खुलासा हो चुका है। पांच आरोपी जेल जा चुके हैं। कनिष्क को शूट करने वाले रामसेवक लावा सहित तीन आरोपी अभी फरार हैं। लल्ला पर सिटी कोतवाली में आर्मस एक्ट में केस रजिस्टर है। हालांकि, एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी छुपा ली। मास्टरमाइंड के गुर्गे रामू महावत और राजवीर का क्रिमिनल रिकॉर्ड सामने नहीं लाया गया।

सत्ताधीशों की मेहर से आज भी महफूज है बीरे की अवैध सल्तनत
कनिष्क की हत्याकांड का पुलिस अपनी तरह से अनावरण जरूर कर चुकी है लेकिन कुछ प्रश्न अभी भी मुंह बाए खड़े हैं। मसलन, शूटर्स का अरेंजमेंट करने वाला रामू महावत है कौन और उसका पोस्टल एड्रेस क्या है? उसका आपराधिक इतिहास क्या है? वह कभी जेल में रहा है? इन सवालों के जवाब पुलिस प्रेस नोट और पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन बयान, दोनों से तिरोहित थे।

आखिर फरार आरोपी अब तक छुपे हैं कहां 
इसी तरह, बाइक ड्राइव करने वाले राजवीर के आपराधिक अतीत की कुंडली भी नहीं बांची एसपी ने। तीनों किस खोह में छिपे हैं, पता जता ये भी नहीं है। जांच का दायरा बढ़ा तो लपेटे में ऐसे नाम सामने आ सकते हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को धता बता माफिया को सियासी संरक्षण दिया। बीरे यादव जैसे हार्ड कोर क्रिमिनल पर तक सताधीशों की मेहरबानी रही। बीरे ने ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन पर अपना साम्राज्य खड़ा किया हुआ है। 

अतीत में छिपी हुई है बीरे की जुर्म कुंडली
बात 2018 की है। तत्कालीन एसडीएम सवायजपुर वंदना त्रिवेदी लाव लश्कर लेकर बरगदापुरवा पहुंची थी सरकारी जमीन पर खड़ी 'बीरे की सल्तनत' वहाने। एसडीएम मौके पर थीं कि उन्हें तत्कालीन डीएम शुभ्रा सक्सेना की कॉल आई थी और कार्रवाई टालने का निर्देश मिला था और दूसरे दिन स्टे आर्डर भी आ गया था।

कई राज से पर्दा उठाना मुश्किल 
कनिष्क हत्याकांड का अरेंजर रामू महावत, शूटर लल्ला और राजवीर के हाथ आए बिना 'कनिष्क हत्याकांड़' का पटापेक्ष नहीं होता। बाकी, सुनवाई है कि प्रशासन स्तर से आरोपियों की वैध अवैध सम्पत्ति का आकलन हो रहा है और जल्दी ही बड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है। साथ ही, कनिष्क हत्याकांड के आरोपियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)  में निरुद्ध किए जाने की भी तैयारी है। प्रशासन और पुलिस के स्तर पर भीतर-खाने कील काटे दुरुस्त किए जा रहे हैं।

योगी द्वारा लिया गया था बीरे यादव का विधानसभा में नाम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में अधिवक्ता हत्याकांड को लेकर वीरेंद्र यादव बीरे का नाम लेते हुए सपा पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने कहा कि हरदोई में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई। बीरे उर्फ वीरेंद्र यादव समाजवादी पार्टी का पूर्व जिला अध्यक्ष है। अब देखो किस प्रकार के व्यक्ति को आप जिला अध्यक्ष बना रहे हैं। इस पर कोई ऐसी धारा नहीं है जो ना लगी हो। इस पर 28 मामले दर्ज हैं। इस पर 89 से लेकर अभी तक मुकदमे दर्ज हैं। यह सभी मुकदमे सपा शासन काल में दर्ज हुए हैं। अब इसने एक अधिवक्ता की हत्या करवाई है। इस तरीके के अपराधियों को आप कहते हैं गोली मार रहे हैं क्या माला पहनाएंगे। यह समाज के सबसे बड़े कलंक हैं जब तक इस कोढ़ को समाज से हटाएंगे नहीं तब तक उत्तर प्रदेश से समाज की स्थिति ठीक नहीं होगी।

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