कोर्ट ने कहा कि इन पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया समय पर पूरी होनी चाहिए थी क्योंकि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के कार्यकाल के समाप्त होने की तारीख राज्य सरकार के पास पहले से ही उपलब्ध होती है। अदालत ने यह भी कहा कि यह पद अधिकरण के सुचारू संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इतने लंबे समय तक खाली नहीं छोड़े जा सकते।