जांच में सामने आया कि धमकी देने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल किया गया, जिससे मेल का वास्तविक स्थान पता लगाना मुश्किल हो गया। साइबर क्राइम सेल अब आईपी एड्रेस की जांच कर रही है। हालांकि वीपीएन के कारण लोकेशन बार-बार बाउंस हो रही है। हैदराबाद स्थित एक तकनीकी एजेंसी के सहयोग से इस मेल की वास्तविकता का पता लगाया जा रहा है।