बड़ी कार्रवाई : पशु आहार बनाने वाली कंपनी में आयकर छापा, कैश में कारोबार करती थी इवा एग्जोटिका प्राइवेट लिमिटेड 

UPT | आयकर विभाग।

Feb 15, 2024 22:34

पिछले करीब 36 घंटे से 11 शहरों में कंपनी के 33 ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा। इसमें लखनऊ के अलावा बहराइच, सोनभद्र, चंदौसी, हरदोई, बिहार में आरा, पटना, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, सिलीगुड़ी और आसाम के गुवाहाटी जैसे शहर शामिल है।

Short Highlights
  • 36 घंटों में 11 शहरों में कंपनी के 33 ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने मारा छापा 
  • फर्जी तरीके से बिल बना टैक्स में बड़े पैमाने पर चोरी करने का आरोप
Lucknow News : मुर्गी दाना और पशुओं का आहार बनाने वाली कंपनी इवा एग्जोटिका प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा। इस दौरान करोड़ों रुपये का नगद लेन-देन होने का खुलासा हुआ है। 

तीन करोड़ रुपये नगद मिले
पिछले करीब 36 घंटे से 11 शहरों में कंपनी के 33 ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा। इसमें लखनऊ के अलावा बहराइच, सोनभद्र, चंदौसी, हरदोई, बिहार में आरा, पटना, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, सिलीगुड़ी और आसाम के गुवाहाटी जैसे शहर शामिल है। बताया जा रहा है कि फर्जी तरीके से बिल बना टैक्स में बड़े पैमाने पर चोरी की गई है। छापों में इसके कई दस्तावेजी सबूत हाथ लगे हैं, जिसके बाद कंपनी के संचालकों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है। इसके अलावा करीब तीन करोड़ रुपये नगद बरामद हुआ है। साथ ही, संचालकों और उनके परिजनों के नाम से बैंक लॉकर का पता चला है, जिसे अगले हफ्ते खोला जाएगा।

एक दर्जन से ज्यादा संपत्तियों के दस्तावेज भी हुए बरामद
जानकारी के मुताबिक लखनऊ के नादरगंज इलाके में स्थित कंपनी के कारपोरेट ऑफिस को छोड़कर बाकी जगहों पर छापों की कार्रवाई बृहस्पतिवार दोपहर तक समाप्त हो गयी है। इन ठिकानों की छानबीन में एक दर्जन से ज्यादा संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। सामने आया है कि इनमें से अधिकतर संपत्तियों को खरीदने में नगदी का अधिक भुगतान किया गया था। इससे संबंधित लेखा-जोखा जैसे चेक और नकदी का जिक्र आदि के प्रमाण मिले हैं। जांच में पता चला है कि कंपनी अपने बही-खातों को दुरुस्त रखने के बजाय उसमें हेराफेरी कर रही थी। इसमें कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली तमाम फर्मों को करोड़ों रुपये नगद भुगतान करने का जिक्र पाया गया है।

दो प्लांट दिए थे किराये पर 
जांच में पता चला है कि कंपनी की बीते कुछ दिनों से स्थिति ठीक नहीं होने पर उसे अपने प्लांट किराए पर देने पड़े थे। उसने अपना अंबाला और चंदौसी का प्लांट कपिला पशु आहार बनाने वाली कंपनी को किराए पर दिया है। आयकर विभाग के अधिकारी कंपनी के निदेशकों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज कर रहे हैं।

खुलासा हुआ है कि कंपनी अपना अधिकतर कारोबार कैश में करती थी। इसके जरिए उसने करोड़ों रुपये की टैक्स की चोरी की है। कंपनी ने बेहद कम समय में अपने कारोबार का विस्तार भी किया, जिसके लिए कई शेल कंपनियों से लेन-देन के प्रमाण मिले हैं। वहीं कंपनी को कच्चा माल आपूर्ति करने वाली फर्मों की जांच में पता लगाया जा रहा है कि वह वास्तव में माल आपूर्ति करते थे कि केवल किताबों में ही इसका जिक्र किया जाता था।

बनाए गए हैं कई फर्जी बिल
आयकर विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि लखनऊ निवासी नवनीत गीडिया इस कंपनी के मालिक है। उनकी तरफ से कई फर्जी बिल बनाया गया है। इसके माध्यम से करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की गई है। यह कंपनी कोलकाता में पंजीकृत है। इस कंपनी के निदेशक नवनीत गीडिया, विजय कुमार गीडिया और विनीत कुमार गीडिया हैं। इन लोगों का अपना मुख्य कार्यालय भी कोलकाता में बना रखा है। हालांकि लखनऊ में इनके ठिकाने है। ऐसे में यहां भी जांच तेज की गई है।
 

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