Lucknow News : केजीएमयू में थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक से हड्डी के गंभीर मरीजों को मिलेगा सटीक और प्रभावी इलाज

UPT | केजीएमयू।

Jan 18, 2025 12:37

केजीएमयू ने चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक की शुरुआत की है। इस अत्याधुनिक तकनीक का उद्देश्य हड्डी से संबंधित गंभीर मामलों की सटीक जांच और प्रभावी इलाज प्रदान करना है।

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक की शुरुआत की है। इस अत्याधुनिक तकनीक का उद्देश्य हड्डी से संबंधित गंभीर मामलों की सटीक जांच और प्रभावी इलाज प्रदान करना है। खासतौर पर कूल्हे और घुटने के प्रत्यारोपण जैसे मामलों में यह तकनीक मरीजों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी।

थ्रीडी प्रिंटिंग से क्या होगा खास
थ्रीडी प्रिंटिंग लैब का उद्घाटन करते हुए विभाग के प्रमुख डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि यह नई लैब आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का उपयोग करते हुए हड्डी रोग से संबंधित मामलों में गहराई से विश्लेषण और उपचार की योजना तैयार करने में सक्षम है। इस लैब में थ्रीडी प्रिंटिंग का उपयोग करके मरीज की हड्डियों का विस्तृत मॉडल तैयार किया जाएगा, जिससे सर्जन को बेहतर समझ और सटीकता के साथ ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी।



ऑपरेशन के समय को करेंगा कम
डॉ. आशीष कुमार ने बताया, थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक सर्जिकल सटीकता को बढ़ाने, ऑपरेशन के समय को कम करने और मरीजों के लिए बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी। लैब में जांच के बाद प्रीऑपरेटिव योजना को अधिक सटीक तरीके से तैयार किया जा सकेगा। यह विशेष रूप से जटिल प्रत्यारोपण और हड्डी की गंभीर समस्याओं वाले मरीजों के लिए फायदेमंद होगी।

लैब में देखरेख और प्रशिक्षण की सुविधा
आशीष कुमार ने बताया की लैब की जिम्मेदारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि थ्रीडी प्रिंटिंग लैब न केवल मरीजों की देखभाल में सहायक होगी, बल्कि यह शोधकर्ताओं, जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को इस तकनीक की बारीकियां सिखाने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी काम करेगी। डॉ. धर्मेंद्र ने बताया, लैब में बनाए गए थ्रीडी मॉडल सर्जनों को ऑपरेशन से पहले रोगी की शारीरिक संरचना को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे। इससे सर्जिकल प्रक्रियाओं में जटिलताओं को कम किया जा सकेगा।

तकनीक का व्यापक प्रभाव
डॉ. आशीष कुमार ने बताया की थ्रीडी प्रिंटिंग लैब की स्थापना से केजीएमयू ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। यह तकनीक हड्डी रोग विशेषज्ञों को बेहतर निर्णय लेने और मरीजों को व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयोगशाला न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देशभर के अन्य चिकित्सा संस्थानों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी।

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