KGMU : डॉक्टर पर प्राइवेट हॉस्पिटल में महिला मरीज का ऑपरेशन करने का आरोप-मौत, जल्द सर्जरी का दिया लालच

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Nov 11, 2024 10:09

सुरेन्द्र पाल सिंह के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान कुछ ही देर में पूनम के चीखने की आवाज आई, जिससे स्टाफ में हड़कंप मच गया। डॉक्टरों ने जल्दी से ऑक्सीजन सिलेंडर लाने की बात कही। जब सुरेन्द्र ने ओटी में जाने का प्रयास किया, तो उन्हें रोक दिया गया। जबरदस्ती अंदर जाने पर उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी अचेत पड़ी थीं और वहां ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था नहीं थी।

Lucknow News :  किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के जूनियर डॉक्टर पर प्राइवेट हॉस्पिटल में महिला मरीज का ऑपरेशन का आरोप है। इस मरीज की इलाज के दौरान शनिवार को मौत हो गई। ईएनटी डॉक्टर पर पुराने लखनऊ मेें खदरा स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में महिल मरीज के गले का ऑपरेशन करने का आरोप है। इसके बाद मरीज कोमा में चली गई। मरीज को केजीएमयू में करीब 15 दिन  वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया, जहां इसके बाद उसकी मौत हो गई। मृतक महिला के पति ने पुलिस सहित केजीएमयू प्रशासन से प्रकरण की शिकायत की है।

आशा कार्यकर्ता थी मृतक महिला
लखीमपुर खीरी की निवासी पूनम मौर्य आशा कार्यकर्ता थी। पूनम के पति, सुरेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी की आवाज में भारीपन की शिकायत थी, जिसके लिए उन्होंने केजीएमयू के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. रमेश कुमार से संपर्क किया। जांच के बाद डॉक्टर ने गले में मस्सा होने की बात कही और ऑपरेशन कराने की सलाह दी।



निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराने की सलाह
केजीएमयू में ऑपरेशन के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट के चलते डॉ. रमेश ने खदरा स्थित केडी अस्पताल में ऑपरेशन कराने की सलाह दी। सुरेन्द्र ने बताया कि डॉक्टर के निर्देश पर 25 अक्तूबर को पूनम को भर्ती कराया गया। उसी शाम डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए ओटी में ले जाने का फैसला किया।

ऑपरेशन के दौरान ऑक्सीजन की कमी
सुरेन्द्र पाल सिंह के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान कुछ ही देर में पूनम के चीखने की आवाज आई, जिससे स्टाफ में हड़कंप मच गया। डॉक्टरों ने जल्दी से ऑक्सीजन सिलेंडर लाने की बात कही। जब सुरेन्द्र ने ओटी में जाने का प्रयास किया, तो उन्हें रोक दिया गया। जबरदस्ती अंदर जाने पर उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी अचेत पड़ी थीं और वहां ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था नहीं थी। इसके बाद पूनम को तत्काल केजीएमयू की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया, लेकिन शनिवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।

सीएमओ को भेजा गया पत्र
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि यदि पीड़ित परिवार संस्थान से शिकायत करता है तो जांच की जाएगी। यदि यह पुष्टि होती है कि संस्थान के डॉक्टर ने निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया है, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि रमेश कुमार की ईएनटी विभाग में बॉन्ड पर तैनाती है। चिकित्सक को तीन महीने के लिए रखा गया है। मदेयगंज थाना इंस्पेक्टर राजेश सिंह ने भी बताया कि मृतका के पति की तहरीर पर मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भेजा गया है और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

कैसे हो गई इतनी बड़ी लापरवाही
अहम बात है कि केजीएमयू की ओपीडी में सीनियर डॉक्टर को ड्यूटी पर लगाया जाता है। ऐसेे में इस पर भी सवाल उठा रहे हैं कि वहां से कैसे बॉन्ड पर तैनात डॉक्टर डॉ. रमेश कुमार पीड़ित महिला को प्राइवेट हॉस्पिटल मेें ले जाना में सफल रहा। इसके बाद वहां उसके इलाज मेें लापवाही बरती गई फिर हालत खराब होने पर केजीएमयू में भर्ती करा दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई। मृतक महिला के पति के पास मौजूद 23 सितंबर की तारीख के ओपीडी के पर्चे पर डॉ. एबी सिंह के नाम की मुहर है। इसके बाद भी दूसरे डॉक्टर का मरीज से संपर्क हो गया और वह उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाने में सफल रहा।

अस्पताल की सफाई और पुलिस की जांच
इस प्रकरण में केडी अस्पताल के संचालक डॉ. अतीक अहमद ने बताया कि उनके अस्पताल में कोई ऑपरेशन नहीं हुआ है और अस्पताल का संचालन फिलहाल बंद है। उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। दरअसल मदेयगंज स्थित केडी अस्पताल का बोर्ड अब हट चुका है। आसपास के लोगों के मुताकि करीब दस दिन पहले तक अस्पताल का बोर्ड लगा था। इसके बाद किराये के प्रकरण को लेकर मकान मालिक ने भवन खाली करा लिया।

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