केजीएमयू में जटिल सर्जरी से सात माह की बच्ची को मिला नया जीवन : सांस की नली और आहार नाल को किया अलग

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Nov 14, 2024 10:42

पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. जेडी रावत के अनुसार, ऐसी जटिल स्थिति में सर्जरी करना एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य था। उन्होंने बताया कि सांस की नली और आहार नाल को अलग करने के लिए पसलियों को काटकर ऑपरेशन करना पड़ा। यह प्रक्रिया बहुत सावधानी से की गई क्योंकि इतने छोटे बच्चे की सर्जरी में कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं।

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के चिकित्सकों ने एक जटिल सर्जरी कर सात महीने की बच्ची को जीवनदान दिया। जन्मजात समस्या के कारण बच्ची की सांस की नली आहार नाल से जुड़ी हुई थी, जिससे उसे दूध पीने में कठिनाई होती थी। इस सर्जरी के जरिए दोनों नलियों को अलग कर दिया गया, जिससे बच्ची अब सामान्य रूप से दूध पी पा रही है।

दूध पिलाने पर उखड़ने लगती थी सांसें
हरदोई निवासी बिजनेश और दिव्या अपनी बच्ची की गंभीर स्थिति से परेशान थे। जब भी वे उसे दूध पिलाते, उसकी सांसें उखड़ने लगतीं और त्वचा का रंग नीला पड़ जाता। इस स्थिति के कारण बच्ची को कई बार निमोनिया के लक्षण हुए और बार-बार उसे एनआईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि बच्ची की सांस की नली जन्म से ही आहार नाल से जुड़ी हुई थी, जो उसकी समस्या का मूल कारण था।



पसलियों को काटकर करना पड़ा ऑपरेशन 
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. जेडी रावत के अनुसार, ऐसी जटिल स्थिति में सर्जरी करना एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य था। उन्होंने बताया कि सांस की नली और आहार नाल को अलग करने के लिए पसलियों को काटकर ऑपरेशन करना पड़ा। यह प्रक्रिया बहुत सावधानी से की गई क्योंकि इतने छोटे बच्चे की सर्जरी में कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं।

ऑपरेशन के बाद देखभाल और सुधार
सर्जरी के बाद बच्ची को दो दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया ताकि उसकी स्थिति स्थिर हो सके। उसके बाद उसे सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया, जहां उसकी सेहत में तेजी से सुधार देखा गया। बच्ची अब दूध पीने में पूरी तरह सक्षम है और सामान्य जीवन जी रही है।

सर्जरी मेडिकल क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि 
इस जटिल सर्जरी में प्रो. रावत के साथ डॉक्टरों की एक टीम ने मिलकर काम किया। यह सर्जरी मेडिकल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इसे दुर्लभ मामलों में से एक माना जा रहा है। डॉक्टरों की कुशलता और समर्पण ने बच्ची और उसके परिवार को नई उम्मीद दी। इस प्रकार की सफलताएं मेडिकल विज्ञान की प्रगति और डॉक्टरों की विशेषज्ञता को दर्शाती हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक ऐसी सर्जरी से न सिर्फ मरीज का जीवन सुरक्षित होता है बल्कि माता-पिता के मन में भी संतोष होता है। बच्ची की स्थिति अब बेहतर है और वह धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर बढ़ रही है।

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